४४७~ श्री पाल सिंह (प्र०अ०) प्रा०वि० रामपुर घनश्याम, ब्लाक- शीतलपुर, जनपद- एटा (उ.प्र.)

          🏅अनमोल रत्न🏅

मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद- एटा से एक ऐसे विद्यालय परिवार एवं उसके प्रधानाध्यापक अनमोल रत्न शिक्षक भाई श्री पाल जी से परिचय करा रहे हैं जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और व्यवहार कुशलता से अपने विद्यालय को विद्यालय परिवार एवं समाज के साथ मिलकर प्रेरक एवं आकर्षक बना दिया। जहाँ आज एक विद्यालय के विश्वास के रूप में अभिभावक अपने बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए भेज रहे हैं। जो हम जैसे हजारों शिक्षक साथियों के लिए प्रेरक एवं अनुकरणीय प्रयास हैं। 

आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये कुछ प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को:-
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👉(1)- शिक्षक का परिचय:
श्री पाल सिंह (प्र०अ०)
प्रा०वि० रामपुर घनश्याम
ब्लाक- शीतलपुर, जनपद- एटा (उ.प्र.)
प्रथम नियुक्ति-31-12-2005
वर्तमान विद्यालय में नियुक्ति- 24-11-2008

👉(2)- विद्यालय की समस्या- विद्यालय की सबसे बड़ी समस्या जगह की कमी विद्यालय 60*36 फीट में स्थापित है। बच्चों को खेलने तथा मध्याह्न भोजन खिलाने के लिए भी जगह का अभाव है। भौतिक सुविधाओं का अभाव है जैसे शौचालयों मूत्रालय का न होना।

(3)-विद्यालय की समस्या का समाधान:-
A- उसमें भी अच्छा करने की कोशिश रहती है। खाना खिलाते समय एक अध्यापक या स्वयं प्रधानाध्यापक बच्चों का ध्यान रखते है। किसी बच्चे को किसी तरह की परेशानी न हो।
B- प्रधानाध्यापक द्वारा विद्यालय में जगह की कमी को जिले के अधिकारियों व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी एटा तथा खण्ड शिक्षा अधिकारी शीतलपुर को प्रार्थना-पत्र देकर अवगत कराया गया।
C- अन्य शिक्षकों का सहयोग -
1- श्री जगदीश प्रसाद स.अ. नियुक्ति तिथि अगस्त 2010 सबसे कर्मठ शिक्षक की भूमिका में मेरे साथ रहते है जबकि100% दिव्यांग। ट्राई साइकिल पर रहकर शिक्षण कार्य करते हैं।
2- चारू कूलश्रेष्ठ स.अ. नियुक्ति जुलाई- 2016 पूर्ण लग्न के साथ शिक्षण कार्य में संलग्न।
3- रश्मि शि०मि० विद्यालय में नियुक्ति नवम्बर-2018 पूर्ण मनोयोग के साथ शिक्षण कार्य।
D- जनप्रतिनिधि का सहयोग- वर्तमान प्रधान श्रीमतीकाजल w/f चन्द्र किशोर का विद्यालय को पूर्ण सहयोग मिला। विद्यालय के कक्षा कक्षों में कायाकल्प के तहत फर्शों पर टाइल्स लगवाये। समय - समय पर विद्यालय का ध्यान रखते हैं।
E- जनसहभागिता- गांव के सभी व्यक्ति तथा अभिभावक सहयोग के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।
F- शासन का सहयोग- शासन के सहयोग से ही विद्यालय को उच्च स्तर पर ले जाने का प्रयास किया है।
G- अन्य का सहयोग नहीं मिला।













👉(4)- विद्यालय के प्रेरक शिक्षण- A- पढाई में कमजोर बच्चों को नवाचार व ग्रडिगं लर्निंग शिक्षण के माध्यम से आगे बढाया। कक्षा-कक्षों में TLM लगा हुआ है।
B- ग्रडिगं लर्निंग शिक्षण में और प्रधानाध्यापक को मंडल स्तर पर प्रसस्ति - पत्र मिला। इस शिक्षण के माध्यम से बच्चों ने बहुत कुछ सीखा।
C- प्रधानाध्यापक द्वारा नवोदय विद्यालय में प्रवेश हेतु बच्चों को अलग से 2 माह तैयारी कराई।
D- सांस्कृतिक कार्यक्रमों में विद्यालय के बच्चों ने राष्ट्रीय पर्वों पर अच्छे-अच्छे कार्यक्रम प्रस्तुत किए।
E- सामाज का सहयोग सभी व्यक्तियों का स्टाफ के प्रति सम्मान जनक व स्नेहपूर्ण व्यवहार रहा।
F- खेल कूद गतिविधि-खेल का मैदान न होने पर भी खेल-कूद करायें तथा खेल-कूद के प्रति बच्चों में रुचि पैदा की।
👉(5)- विद्यालय और बच्चों की उपलब्धियों-
A- विद्यालय में 40 इंच का led स्मार्ट टेलीविजन लगवाया जिससे बच्चों का ढहराव बढ़ गया है। LED पर दीक्षा एप अन्य शैक्षिक चैनलों से शिक्षण।
B- बच्चों की बैठक व्यवस्था- प्राइवेट स्कूलों के समान सभी
कक्षों में फर्नीचर लगवा दिया गया। जिससे बच्चे प्राइवेट स्कूल
के बच्चों को बता सकें कि हमारा विद्यालय भी आप के स्कूल से कम नहीं है।
C- गणवेश व्यवस्था- सरकार के द्वारा दी जाने वाली गणवेश धन राशि से उच्च कोटि की गणवेश सिलवाकर दी और कई वर्षों से प्रधानाध्यापक द्वारा टाई-वेल्ट तथा आई- कार्ड दिया गया। जिस कारण बच्चो का नामांकन बढ़ा। अभिभावकों ने अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों से निकाल कर हमारे विद्यालय में प्रवेश दिलाया।
D- नामांकन की स्थिति - वर्ष 2019-20 नामांकन कुल145 जिस में 65 छात्र और 80 छात्राएं इस वर्ष कक्षा-1 में प्रवेश हेतु कई अभिभावकों द्वारा सम्पर्क किया जा चुका है। कभी -कभी ऐसी स्थिति आ जाती है कि प्रवेश बंद कर दिया जाए।
E- छात्र उपस्थिति- विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति लगभग 80 से 90% रहती है। पहले मुझे बच्चों के घर जाकर सम्पर्क करना पड़ता था लेकिन अब बच्चे स्वयं ही विद्यालय आते हैं।
F- पुरस्कार वितरण सांस्कृतिक कार्यक्रम पर तथा चित्र कला प्रतियोगिता आदि कार्यक्रमों के अवसरों पर।
G- प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए छात्र-छात्राएं प्रयासरत।

👉(6)- अन्य कार्य- विद्यालय के सभी कक्षों में विधुत फिटिंग सभी कक्षों में पंखों की व्यवस्था।

👉(7)- मिशन शिक्षण संवाद के लिए संदेश- अनमोल रत्न घोषित करने हेतु भौतिक सत्यापन जरूर
करें। जिससे इसकी मौलिकता बनी रहे।

👉(8)- शिक्षक समाज के लिए संदेशः-
शिक्षक तो वह होता है जो कोयला को भी हीरा बना देता है।

साभार: श्रीपाल सिंह (प्रधानाध्यापक) एवं समस्त स्टाफ
प्रा०वि० रामपुर घनश्याम
वि०क्षे०- शीतलपुर (एटा)
सहयोग- श्रीमती नीरजा चतुर्वेदी खण्ड शिक्षा अधिकारी
वि०क्षे०- शीतलपुर
एवं उच्च अधिकारी जनपद एटा
प्रेरणा- आप सभी मिशनरी शिक्षण संवाद मिशन वि.क्षे. शीतलपुर एवं श्री विकास मिश्रा।

संकलन एवं सहयोग
विकास मिश्रा
मिशन शिक्षण संवाद एटा
13-05-2020

नोट: मिशन शिक्षण संवाद में सहयोग और सुझाव के लिए वाट्सअप नम्बर- 9458278429 पर लिखें।

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