प्रकृति है समाधान
पृथ्वी पर जीवों की
असीम विविधता,
दर्शाती अरबों वर्षों
के विकास की सभ्यता।
जीव, जंतु, पादप व मानव
पारिस्थितिक तंत्र के हैं कारक,
देते पानी, भोजन दवा व ईंधन
स्वस्थ्य वायु व संतुलित पर्यावरण।
सहेज लें! हम जैव विविधता
स्व प्रयास से ही रुकता विघटन,
वरना, लाए सूखा बाढ़ व तूफान
और बिगड़े प्राकृतिक संतुलन।
लेकर वर्ष 2020 का थीम
"प्रकृति में है हमारी समस्या का समाधान"
हमारी एकजुटता व जागरूकता
करती स्वस्थ जीवन का स्वस्थ निदान।
रचयिता
प्रियंशा मौर्य,
सहायक अध्यापक,
कम्पोजिट उच्च प्राथमिक विद्यालय चिलार,
विकास क्षेत्र-देवकली,
जनपद-गाजीपुर।
असीम विविधता,
दर्शाती अरबों वर्षों
के विकास की सभ्यता।
जीव, जंतु, पादप व मानव
पारिस्थितिक तंत्र के हैं कारक,
देते पानी, भोजन दवा व ईंधन
स्वस्थ्य वायु व संतुलित पर्यावरण।
सहेज लें! हम जैव विविधता
स्व प्रयास से ही रुकता विघटन,
वरना, लाए सूखा बाढ़ व तूफान
और बिगड़े प्राकृतिक संतुलन।
लेकर वर्ष 2020 का थीम
"प्रकृति में है हमारी समस्या का समाधान"
हमारी एकजुटता व जागरूकता
करती स्वस्थ जीवन का स्वस्थ निदान।
रचयिता
प्रियंशा मौर्य,
सहायक अध्यापक,
कम्पोजिट उच्च प्राथमिक विद्यालय चिलार,
विकास क्षेत्र-देवकली,
जनपद-गाजीपुर।
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