सौर परिवार
प्रकरण:- सौर परिवार
कक्षा:- 6
धुन :-दादी अम्मा दादी अम्मा मान जाओ।
सूर्य भैया, सूर्य भैया, मान जाओ,
छोड़ो भी अब गर्मी, थोड़ी ठंडक तो दिलाओ।
सूर्य भैया, सूर्य भैया, मान जाओ,
हमको पता तुम्हारे, ग्रह आठ हैं,
सबसे निकट बुध का ही साथ है,
बुध के बाद, शुक्र का ठाठ है,
सूर्य भैया, सूर्य भैया, मान जाओ
छोड़ो भी अब गर्मी, थोड़ी ठंडक तो दिलाओ।
पृथ्वी देखो, हरियाली से भरी,
गुस्से से मंगल की आँखें लाल पड़ीं,
ब्रहस्पति के अनेकों उपग्रह हैं ,
सूर्य भैया, सूर्य भैया, मान जाओ,
छोड़ो भी अब गर्मी, थोड़ी ठंडक तो दिलाओ।
शनि, अरुण, वरुण, आपके पास हैं,
फिर क्यों खाली पीली, गर्मी दिखाओ,
सूर्य भैया, सूर्य भैया, मान जाओ,
छोड़ो भी अब गर्मी, थोड़ी ठंडक तो दिलाओ।
सूर्य भैया, सूर्य भैया, मान जाओ।
रचयिता
नीलम सिंह,
सहायक अध्यापक,
उच्च प्राथमिक विद्यालय रतनगढ़ी,
विकास खण्ड व जनपद-हाथरस।
कक्षा:- 6
धुन :-दादी अम्मा दादी अम्मा मान जाओ।
सूर्य भैया, सूर्य भैया, मान जाओ,
छोड़ो भी अब गर्मी, थोड़ी ठंडक तो दिलाओ।
सूर्य भैया, सूर्य भैया, मान जाओ,
हमको पता तुम्हारे, ग्रह आठ हैं,
सबसे निकट बुध का ही साथ है,
बुध के बाद, शुक्र का ठाठ है,
सूर्य भैया, सूर्य भैया, मान जाओ
छोड़ो भी अब गर्मी, थोड़ी ठंडक तो दिलाओ।
पृथ्वी देखो, हरियाली से भरी,
गुस्से से मंगल की आँखें लाल पड़ीं,
ब्रहस्पति के अनेकों उपग्रह हैं ,
सूर्य भैया, सूर्य भैया, मान जाओ,
छोड़ो भी अब गर्मी, थोड़ी ठंडक तो दिलाओ।
शनि, अरुण, वरुण, आपके पास हैं,
फिर क्यों खाली पीली, गर्मी दिखाओ,
सूर्य भैया, सूर्य भैया, मान जाओ,
छोड़ो भी अब गर्मी, थोड़ी ठंडक तो दिलाओ।
सूर्य भैया, सूर्य भैया, मान जाओ।
रचयिता
नीलम सिंह,
सहायक अध्यापक,
उच्च प्राथमिक विद्यालय रतनगढ़ी,
विकास खण्ड व जनपद-हाथरस।
बहुत ही शानदार ।
ReplyDeleteआसान , सरल शब्दों का प्रयोग करते हुए ये रचना लिपिबद्ध की गई है ।
बहुत बहुत बधाई , शुभकामनाएँ ।