पौधों की जरूरतें
आओ बच्चों तुम्हें बताएँ आज कहानी पौधों की,
क्या-क्या उनको पड़े जरूरत, क्या खाते पीते हैं।
स्वस्थ बीज ही विकसित होकर एक पौधा बन जाता है,
बीमार बीज पौधे का कभी न रूप ले पाता है।
पौधे चाहें पीने को उचित मात्रा पानी की,
बिन पानी ये मर जाएँगे, जैसे मछली पानी बिन।
अच्छी मिट्टी देती जीवन हरे-भरे इन पौधों को,
बिन मिट्टी ये पनप ना पाएँ, फिर चाहे कुछ इनको दो।
पौधे को चाहिए ताजा पानी अपनी प्यास बुझाने को,
ताजी शुद्ध हवाएँ चाहें लंबी साँसें भरने को।
पौधों को चाहिए खिली धूप, भोजन अपना बनाने को,
देखकर प्यारा सूरज करता उनका मन भी खिलने को।
बतलाओ मेरे प्यारे बच्चों, सबक आज क्या सीखे तुम?
समझ गए सबक आपका दीदी, कभी ना भूलेंगे अब हम।
रचनाकार
सपना,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय उजीतीपुर,
विकास खण्ड-भाग्यनगर,
जनपद-औरैया।
क्या-क्या उनको पड़े जरूरत, क्या खाते पीते हैं।
स्वस्थ बीज ही विकसित होकर एक पौधा बन जाता है,
बीमार बीज पौधे का कभी न रूप ले पाता है।
पौधे चाहें पीने को उचित मात्रा पानी की,
बिन पानी ये मर जाएँगे, जैसे मछली पानी बिन।
अच्छी मिट्टी देती जीवन हरे-भरे इन पौधों को,
बिन मिट्टी ये पनप ना पाएँ, फिर चाहे कुछ इनको दो।
पौधे को चाहिए ताजा पानी अपनी प्यास बुझाने को,
ताजी शुद्ध हवाएँ चाहें लंबी साँसें भरने को।
पौधों को चाहिए खिली धूप, भोजन अपना बनाने को,
देखकर प्यारा सूरज करता उनका मन भी खिलने को।
बतलाओ मेरे प्यारे बच्चों, सबक आज क्या सीखे तुम?
समझ गए सबक आपका दीदी, कभी ना भूलेंगे अब हम।
रचनाकार
सपना,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय उजीतीपुर,
विकास खण्ड-भाग्यनगर,
जनपद-औरैया।
Comments
Post a Comment