मेरा घर

कितना सुंदर प्यारा घर
जग से है निराला घर
कड़ी धूप से हमें बचाता
वर्षा में छाता बन जाता
जब पड़ती घनघोर ठंडी,
सर्द हवा से बचाता घर
कितना सुंदर प्यारा घर
जग से है निराला घर

मम्मी, पापा, भैया, दीदी
हम सब मिलकर रहते हैं
खाते-पीते खूब खेलते
खुशियों का खजाना घर
सुंदर-सुंदर प्यारा घर
जग से है निराला घर

रचयिता
सुधा गोस्वामी,
सहायक शिक्षिका,
प्रथमिक विद्यालय गौरिया खुर्द,
विकास क्षेत्र-गोसाईंगंज,
जनपद-लखनऊ।

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