न बनें आतंकी

देश का लाल,
न बने आतंकी,
रखें ये ख्याल।
बचपन काँटों में न बीते,
न मिले दुत्कार,
न भूखा हो,
न नंगा हो,
न प्यासा हो,
रखें ये ख्याल।
शिक्षा हो,
संस्कार हो,
समता हो,
सजगता हो,
रखें ये खयाल।
न धर्म का झगड़ा हो,
न रोटी का रगड़ा हो,
न असंतोष हो,
न कुण्ठा हो,
न क्लेश हो,
रखें ये खयाल।
स्वच्छंद हो,
अपनापन हो,
मनुज प्रेम हो,
देश प्रेम हो,
रखें ये ख्याल।
देश का लाल,
न बनें आतंकी,
रखें ये ख्याल।।

रचयिता
बलजीत सिंह कनौजिया,
सहायक अध्यापक,
कम्पोजिट विद्यालय सोनबरसा,
शिक्षा क्षेत्र-मनकापुर,
जनपद-गोण्डा।

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