तू शिक्षक बनकर आया है
तू शिक्षक बनकर आया है शिक्षा उन्हें दिलाने को।
जो शिक्षा से वंचित रहते पढ़ लिखना उसे सिखाने को।।
हे शिक्षक तू शिक्षक ही नहीं युग दृष्टा युग निर्माता है।
तू अग्रेसर युग परिवर्तक इस जग को राह दिखाता हूँ।।
तेरी कृपाण लेखनी है हैं शत्रु विसंगति सामाजिक।
कर दूर इन्हें तू जड़ से ही जग हो जाए आल्हादित।।
तेरे छोटे-छोटे सैनिक अवसर न विसंगति पा जाएँ।
तू इतने योग्य बना इनको जग का संताप मिटा जाएँ।।
ये चलें प्रगति के पथ पर ही रुक न जाए कभी गति।
इस ध्येय वाक्य को याद रखें चरैवति-चरैवेति।।
तोड़ो जग की सुप्तावस्था शिक्षा का दीप जलाना है।
शिक्षा के उजियारे को अब तो घर-घर पहुँचना है।।
संकल्प करो मिलकर 'अंकुश' हम ज्ञान का दीप जलाएँगे।
जो तिमिर अशिक्षा का फैला है उसको सभी मिटाएँगे।।
रचयिता
जीवन बाबू कश्यप 'अंकुश',
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय सरौता,
विकास क्षेत्र-उझानी,
जनपद-बदायूँ।
जो शिक्षा से वंचित रहते पढ़ लिखना उसे सिखाने को।।
हे शिक्षक तू शिक्षक ही नहीं युग दृष्टा युग निर्माता है।
तू अग्रेसर युग परिवर्तक इस जग को राह दिखाता हूँ।।
तेरी कृपाण लेखनी है हैं शत्रु विसंगति सामाजिक।
कर दूर इन्हें तू जड़ से ही जग हो जाए आल्हादित।।
तेरे छोटे-छोटे सैनिक अवसर न विसंगति पा जाएँ।
तू इतने योग्य बना इनको जग का संताप मिटा जाएँ।।
ये चलें प्रगति के पथ पर ही रुक न जाए कभी गति।
इस ध्येय वाक्य को याद रखें चरैवति-चरैवेति।।
तोड़ो जग की सुप्तावस्था शिक्षा का दीप जलाना है।
शिक्षा के उजियारे को अब तो घर-घर पहुँचना है।।
संकल्प करो मिलकर 'अंकुश' हम ज्ञान का दीप जलाएँगे।
जो तिमिर अशिक्षा का फैला है उसको सभी मिटाएँगे।।
रचयिता
जीवन बाबू कश्यप 'अंकुश',
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय सरौता,
विकास क्षेत्र-उझानी,
जनपद-बदायूँ।
Bahut sunder sir ji👌👌
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