शिक्षा की लौ

हम पढ़ेंगे, हम लिखेंगे,
देश को आगे बढ़ाएँगे।
अपने नन्हें इन हाथों से
अपना संसार सजाएँगे।।
     मन में ढेरों सपने हैं और
     छोटी-छोटी आशाएँ हैं।
    हाथों में पेंसिल पेन लेकर,
    अपना भविष्य रचाएँगे।।
मिलकर जब एक साथ चलेंगे
नई क्रांति हम लाएँगे।
हम भारत के नन्हें बच्चे
शिक्षा की लौ जलाएँगे।।
       माना मुश्किल है सफर बहुत
        पथ में ढेरों बाधाएँ हैं।
        पर मन में जब है ठान लिया
        कुछ करके दिखलाएँगे।।
हिम्मत कभी न हारेंगे
हमने अब यह सोच लिया।
पर्वत आये या खाई हो
सब पार कर जाएँगे।।
         हम भारत के नन्हें बच्चे
         अपना भविष्य बनाएँगे
         ज्ञान का दीप जलाकर हम
         अंधियारा दूर भगाएँगे।।
     
रचयिता
डॉक्टर नीतू शुक्ला,
प्रधान शिक्षक,
मॉडल प्राइमरी स्कूल बेथर 1,
विकास खण्ड-सिकन्दर कर्ण,
जनपद-उन्नाव।

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