हमारा भारत देश महान
दीप जलाकर श्रद्धा के हमने
देश को अपने सजाया है।
पाठ एकता और समता का
विश्व को आज पढ़ाया है।।
अंधकार का राज हुआ है,
जब भी देश की धरती पर
लेकर साथ उजाला अपने
मसीहा बन कोई आया है।।
एक दिन तम मिट जाएगा,
फिर नया सवेरा आएगा।
विश्वास रखेंगे, अडिग रहेंगे तो
दुश्मन कुछ भी न कर पायेगा।।
सद्बुद्धि, विवेक और संयम की
आज कठिन परीक्षा है।
मानवता की रक्षा में मिलकर
हम सबको हाथ बँटाना है।।
जीवन में कुछ पाना है तो
कठिन राह भी चलना होगा।
सुख की घड़ियाँ जीनीं है तो
थोड़ा दुःख भी सहना होगा।।
घनघोर अंधेरी रातों में जब
दिया एक टिमटिमाता है।
पथ से भटके हर राही का
वो आशा पुंज बन जाता है।।
माना पथ है कठिन बहुत
कंटक है ढेरों और पुष्प नहीं।
मंजिल को पाएँगे एक दिन
मन का विश्वास बताता है।।
दृढ़ संकल्प करेंगे मन में,
हर बाज़ी को हम जीतेंगे।
निर् आस न होगी आस कोई
हर दुविधा से हम उबरेंगे।।
थोड़ा सा बस सब्र करो
धैर्य को अपने न खोने दो।
हम जीते हैं सदा और जीतेंगे
विश्वास ये विश्व को होने दो।।
रचयिता
डॉक्टर नीतू शुक्ला,
प्रधान शिक्षक,
मॉडल प्राइमरी स्कूल बेथर 1,
विकास खण्ड-सिकन्दर कर्ण,
जनपद-उन्नाव।
देश को अपने सजाया है।
पाठ एकता और समता का
विश्व को आज पढ़ाया है।।
अंधकार का राज हुआ है,
जब भी देश की धरती पर
लेकर साथ उजाला अपने
मसीहा बन कोई आया है।।
एक दिन तम मिट जाएगा,
फिर नया सवेरा आएगा।
विश्वास रखेंगे, अडिग रहेंगे तो
दुश्मन कुछ भी न कर पायेगा।।
सद्बुद्धि, विवेक और संयम की
आज कठिन परीक्षा है।
मानवता की रक्षा में मिलकर
हम सबको हाथ बँटाना है।।
जीवन में कुछ पाना है तो
कठिन राह भी चलना होगा।
सुख की घड़ियाँ जीनीं है तो
थोड़ा दुःख भी सहना होगा।।
घनघोर अंधेरी रातों में जब
दिया एक टिमटिमाता है।
पथ से भटके हर राही का
वो आशा पुंज बन जाता है।।
माना पथ है कठिन बहुत
कंटक है ढेरों और पुष्प नहीं।
मंजिल को पाएँगे एक दिन
मन का विश्वास बताता है।।
दृढ़ संकल्प करेंगे मन में,
हर बाज़ी को हम जीतेंगे।
निर् आस न होगी आस कोई
हर दुविधा से हम उबरेंगे।।
थोड़ा सा बस सब्र करो
धैर्य को अपने न खोने दो।
हम जीते हैं सदा और जीतेंगे
विश्वास ये विश्व को होने दो।।
रचयिता
डॉक्टर नीतू शुक्ला,
प्रधान शिक्षक,
मॉडल प्राइमरी स्कूल बेथर 1,
विकास खण्ड-सिकन्दर कर्ण,
जनपद-उन्नाव।
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