जंगल में होली

सब पशुओं ने मिलकर जंगल में बनाई एक टोली,
फिर सबने मिलकर खेली खूब एक-दूसरे से होली।

हुआ सबेरा जब, शेर ने खूब दहाड़ लगाई,
बीच जंगल में बाघ ने भी आवाज जोर की लगाई।

हुए इकठ्ठा सब जानवर जंगल के बीच में,
रंग उठा सबने डाले एक-दूसरे पर खींच के।

सूँड उठाकर सब पर रंग डाला हाथी ने,
खूब चढ़ाया रंग नाचकर बन्दर और भालू ने।

लोमड़ी और हिरण ने सबको लगाया लाल गुलाल,
फागुन गीत गाया मैना संग बुलबुल और कोयल।

आपस में मिल गले सबने एक-दूजे को दी खूब बधाई,
सन्देश दे रहा यह मिलन पर्व सब मिल-जुलकर रहना भाई।

रचयिता
शिराज़ अहमद,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय ददरा,          
विकास खण्ड-मड़ियाहूं,
जनपद-जौनपुर।

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