४५२~ सरिता शर्मा (प्र०अ०) उच्च प्राथमिक विद्यालय सलेमपुर, ब्लॉक - हथगाम, जनपद - फतेहपुर, राज्य - उत्तर प्रदेश

      🏅अनमोल रत्न🏅

मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद-फ़तेहपुर की अनमोल रत्न शिक्षिका बहन सरिता शर्मा जी से करा रहे हैं, जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और व्यवहार कुशलता से विद्यालय परिवार के साथ मिलकर अपने विद्यालय को विभिन्न शिक्षण गतिविधियों और उपलब्धियों का केन्द्र बनाने के साथ सामाजिक विश्वास का केन्द्र बना दिया। जो हम सभी के लिए प्रेरक एवं अनुकरणीय प्रयास हैं।

आइये देखते हैं आपके द्वारा किये गए कुछ प्रेरक और अनुकरणीय प्रायसों को:-

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👉1. शिक्षक का परिचय:-
सरिता शर्मा (प्र०अ०)
उच्च प्राथमिक विद्यालय सलेमपुर
ब्लॉक - हथगाम, जनपद - फतेहपुर
राज्य - उत्तर प्रदेश

प्रथम नियुक्ति -14-10-1997
वर्तमान विद्यालय में नियुक्ति - 24-08-2009

👉2. विद्यालय को उत्कृष्ट बनाने के प्रयास:-
A- स्वयं के प्रयास:
उच्च प्राथमिक विद्यालय सलेमपुर में कार्यरत होने के उपरान्त मुझे कई अवधारणाओं को बदलना था।
एक शिक्षक होते हुए मेरा कर्तव्य है कि मैं लोगों को यह विश्वास दिलाऊं कि सरकारी स्कूलों में भी बेहतर शिक्षा के सुखद परिणाम है तथा कर्तव्यनिष्ठ शिक्षक भी है।

इस विद्यालय में कार्य करते हुए मैंने दस वर्ष पूरे कर लिए हैं। इसकी शुरुआत विद्यालय के वातावरण को सुखद बनाने से हुई। जिसके लिए मैंने विद्यालय के प्रत्येक कक्षा-कक्ष को शैक्षिक चार्ट एवं सहायक सामग्री के द्वारा सुसज्जित किया और शिक्षा को मनोरंजक बनाने का प्रयास किया।
प्रत्येक अभिभावकों एवं गाँव के सम्मानित सदस्यों से मिलकर छात्रों को समय से विद्यालय आने के लिए प्रेरित किया। समय-समय पर विद्यालय में गोष्ठी का आयोजन करके सभी अभिभावकों के सुझाव व विचारों को आमंत्रित किया।
विद्यालय में छात्रों के साथ-साथ अभिभावकों को भी सम्मानित करके पुरस्कार दिया जाता है।

हमने बच्चों को ये समझाया कि शिक्षा एक ऐसा बीज है जो बंजर ज़मीन को भी फिर से हरा भरा कर सकता है।

हम प्रतिदिन छात्रों के लिए एक गुणकारी दिनचर्या का आयोजन करते है तथा उन्हें प्रतिदिन कुछ नया सीखने को उत्साहित करते हैं। उनकी प्रतिभाओं और रुचि के अनुसार उन्हें प्रोत्साहित भी किया जाता है।












B- अन्य शिक्षकों के सहयोग से:
इस विद्यालय में 2012 से 2016 तक एकल अध्यापक के रूप में अपना कार्य किया। 2016 में गणित के अध्यापक गोविंद कुमार तथा विज्ञान के अध्यापक दीपक कुमार गौतम की नियुक्ति हुई जिससे मुझे उनका सहयोग मिला।
हम प्रतिदिन छात्रों के लिए एक गुणकारी दिनचर्या का आयोजन करते है तथा उन्हें प्रतिदिन कुछ नया सीखने को उत्साहित करते हैं।

हमारे विद्यालय की दिनचर्या का प्रथम चरण प्रार्थना सभा से शुरू होता है। इस सभा में प्रतिदिन कई कार्य कराए जाते है जैसे प्रार्थना, योगा, पी.टी, सुविचार., सामान्य ज्ञान, समाचार पत्र की मुख्य ख़बरें।
दूसरा चरण बच्चों को उनकी कक्षाओं में शिक्षा देने का होता है। समय-सारणी के अनुसार विषयवार कक्षाओं का संचालन होता है। जिसमें बच्चों की जिज्ञासाओं का निराकरण किया जाता है। उन्हें प्रतिदिन गृहकार्य दिया जाता है।
मिड डे मील का आयोजन
घर जाने से पहले प्रार्थना

👉3- किए गये प्रयासों का परिणाम:
A- प्रयास से पहले और प्रयास के बाद नामांकन:
प्रयास के पहले छात्रो की संख्या 65 थी और वर्तमान मे छात्रों की संख्या 120 है।
B- वर्तमान उपस्थिति का प्रतिशत : वर्तमान में उपस्थित का प्रतिशत 90 है।
C- प्रतियोगिताओं में सफल छात्रों की संख्या :
विद्यालय द्वारा समय-समय पर बच्चों को विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग कराया जाता है। विद्यालय से 8 बच्चों ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में विद्यालय का नाम रोशन किया है।


















👉4- विद्यार्थियों की उपलब्धियाँ:-
A- विद्यार्थियों द्वारा प्राप्त पुरस्कार तथा विद्यार्थियों की विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता का विवरण:
ब्लाक स्तरीय प्रतियोगिता में सामान्य ज्ञान एवं विज्ञान प्रदर्शिनी में छात्राओं ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
ब्लाक एवं जिले स्तर पर छात्रों को पुरस्कार दिया गया है।

👉5 - विद्यालय की प्रेरक शिक्षण, सांस्कृतिक, सामाजिक एवं खेलकूद गतिविधियाँ:-
विद्यालय में अनेक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है जिससे वह अपनी कलाओं का प्रदर्शन कर सकें, जैसे-
>चित्रकला
>नाट्य
>खेलकूद
>मेहँदी
>क्विज
>रसोई गार्डन
>निबंध

✍🏽विद्यालय के अनेक कार्यक्रम :
"Clean India Green India" विद्यालय परिसर में साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखा जाता है। उन्हें ये भी सिखाया जाता है कि अपने आसपास के वातावरण में साफ सफाई का ध्यान रखें।
"बेटी बचाओ, बेटी पढाओ" अभियान को आगे ले जाते हुए हमने समाज में कन्या शिक्षा को बढ़ावा दिया है और अभिभावकों से निवेदन किया है कि वे अपनी बेटियों को शिक्षित करें।

विद्यालय में कराए जाने वाले विभिन्न कार्यक्रम एवं क्रियाकलाप:
✍🏽मीना मंच - हमारे विद्यालय में प्रार्थना सभा में मीना की कहानियाँ सुनाई जाती हैं। इन कहानियों से हम बच्चे में आत्म विश्वास व सहयोग की क्षमता विकसित करते हैं। उन्हें सिखाते हैं कि कैसे वो अपनी निजी जिंदगी में इनका इस्तेमाल कर सकते हैं।
✍🏽विज्ञान के मॉडल- हम अपने विद्यार्थियों से अनेक मॉडल बनवाते है ताकि वो विज्ञान को और अच्छे से समझ सके। जैसे - सौर मण्डल, सूर्य ग्रहण, चंद्र ग्रहण, बारिश के पानी का संग्रहण आदि।

प्रयोगशाला में हमने अनेक प्रयोग करके बच्चों को विज्ञान के बारे में और भी आसान तरीके से बताने की कोशिश की है। जैसे प्रकाश केवल सीधी दिशा में जाता है।

विद्यालय में समय-समय पर शिक्षक अभिभावक से संपर्क करते हैं और उन्हें उनके बच्चे के बारे में बताते हैं तथा अभिभावकों द्वारा सुझावों का स्वागत करते है।
✍🏽5-नामांकन मेला :
इससे हम न सिर्फ ज्यादा से ज्यादा नामांकन करने की कोशिश करते हैं बल्कि इससे हमारे विद्यालय में 120 बच्चों की संख्या में 90% बच्चे उपस्थित होते हैं।

बच्चे छुट्टी लेने से पहले अवकाश पत्र देते हैं।
खसरा दवा का वितरण डॉक्टर अनुराग द्वारा किया गया जिसके लिए उन्हें सम्मानित भी किया गया।
विद्यालय में समय- समय पर जागरूकता के लिये रैली का आयोजन होता है।
वोट का महत्व
स्कूल चलो अभियान
स्वच्छ भारत अभियान
साक्षरता कार्यक्रम का आयोजन
विद्यालय में लैपटॉप का प्रयोग, रेडियो पर कार्यक्रम।

हम बच्चों को न सिर्फ शिक्षित करते है बल्कि उन्हें एक अच्छा इंसान भी बनाते है। उन्हें परोपकार, सच्चाई, अनुशासन जैसी आदतें भी सिखाते हैं।

👉6. शिक्षकों और विद्यालय की उपलब्धियां:-
A- शिक्षकों के नवाचारों का विवरण:-
विद्यालय में शिक्षक नवाचार के माध्यम से बच्चों को शिक्षा देते है जैसे नवाचार में पौधों की अंतरिक संरचना को समझाना।
विद्यार्थियों को विषयों की अच्छी समझ देने के लिए शिक्षक सहायक सामग्री का इस्तेमाल करते है जैसे- चार्ट, ग्लोब, मॉडल, किट इत्यादि का प्रयोग करते हैं।
B - शिक्षकों के विभिन्न सम्मानों एवं पुरस्कारों विवरण:
इस प्रयास को देखते हुए आस्था फाउंडेशन लखनऊ द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा के लिए प्रधानाचार्या सरिता शर्मा को पुरस्कृत भी किया गया है।
दीपक कुमार गौतम, सहायक अध्यापक विज्ञान को तत्कालीन जिलाधिकार महोदय द्वारा उत्कृष्ट शिक्षक पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया।
C-अन्य उपलब्धियाँ:
विद्यालय को उत्कृष्ट विद्यालय का पुरस्कार दिया गया।










7. मिशन शिक्षण संवाद के लिए संदेश:-
“शिक्षक ही समाज का शिल्पकार व मार्गदर्शक है जो भी सभी को ज्ञान देता है, सिखाता है, जिसका योगदान किसी भी देश या राष्ट्र के भविष्य का निर्माण करना है।“

8. शिक्षक समाज के लिए संदेश:-
“एक शिक्षक ही अपने विद्यार्थी का जीवन गढ़ता है इसलिए उसका कर्तव्य है कि वह अपने पद के प्रति ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ रहे। उसे अपने जीवन के अंत तक मारगदर्शक की भूमिका निभानी चाहिए।“

इस चार दीवारों को शिक्षा का मंदिर बनाने में हर इंसान ने भागीदारी दी है जो इस विद्यालय से जुड़ा है। अपना कर्तव्य निभाते हुए हमने हमेशा हमारे छात्रों का मार्गदर्शन किया है तथा विद्यालय को उत्कृष्ट बनाने का प्रयत्न किया गया है।

9. संकलन व सहयोग:-
बबलू सोनी
मिशन शिक्षण संवाद फ़तेहपुर
18-05-2020

नोट: मिशन शिक्षण संवाद में सहयोग और सुझाव के लिए वाट्सअप नम्बर - 9458278429 पर लिखें।

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