४४१~ प्रशान्त कुमार, नगला चोखे, ब्लॉक - जैथरा, जनपद -एटा, राज्य - उ०प्र०

         🏅अनमोल रत्न🏅

मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद - एटा से अनमोल रत्न शिक्षक साथी प्रशान्त कुमार जी से करा रहे हैं। जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और व्यवहार कुशलता से अपने विद्यालय को शिक्षण गतिविधियों और उपलब्धियों के साथ सामाजिक विश्वास का केन्द्र बना दिया है। जो एक सार्थक प्रयास है। 


आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये कुछ प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को:
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👉1. शिक्षक का परिचय:-
प्रशान्त कुमार, नगला चोखे,
ब्लॉक - जैथरा, जनपद -एटा,
राज्य - उ०प्र०
प्रथम नियुक्ति - 08-07-2011
वर्तमान विद्यालय में नियुक्त: 15-09-2015

👉2- विद्यालय की समस्याए:-
1- नामांकन बहुत ही कम व उपस्थिति बेहद ही कम रहती थी ।
2- अभिभावकों के मन में विद्यालय के प्रति अविश्वास की भावना।
3- निजी विद्यालयों की तरफ आकर्षित रहने की प्रवृत्ति
4- विद्यालय का वातावरण व परिवेश नकारात्मक होना।
5 - अभिभावकों का पूर्वाग्रह से ग्रसित होना।
6 - सकारात्मक सोच का आभाव होना आदि।
7 - अन्त में सबसे प्रमुख समस्या विद्यालय में निरन्तर होने वाली चोरियां व नुकसान होना आदि - आदि प्रमुख रही.........

👉3- विद्यालय की समस्याओं का समाधान:-
1 - व्यापक स्तर पर अभिभावकों से निरन्तर जन सम्पर्क व सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ-साथ सहयोग व नामांकन के लिए प्रोत्साहित किया जाना।
2 - विद्यालय में बुलाकर बेहतर शिक्षण के लिए किये जाने वाले प्रयासों से अवगत कराना व सुझाव के लिए प्रेरित किया जाना।
3 - निजी विद्यालयों के छात्र-छात्राओं व बेसिक के छात्र-छात्राओं का अभिभावकों के समक्ष तुलनात्मक शैक्षिक प्रर्दशन गांव में करवाना व अभिभावकों से ही मूल्यांकन करवाना।
4 - विद्यालय के परिवेश व शैक्षिक वातावरण में यथासंभव सकारात्मक परिवर्तन करना व टी एल एम का प्रभावी प्रयोग व प्रदर्शन किया जाना।
5 - अभिभावकों व ग्रामवासियों को निरन्तर आयोजनों व खुली बैठकों में आमंत्रित करना व उनके सामने छात्र-छात्राओं का शैक्षिक प्रर्दशन किया जाना आदि।
6 - निरन्तर चुनौतियों का सामना करते हुए अभिभावकों का विश्वास जीतना व उनको विश्वास दिलाते हुए मन में सकारात्मक सोच को विकसित करना।
7 - सबसे प्रमुख समस्या निरन्तर होने वाली चोरियों के लिए सभी से व्यक्तिगत रूप से सम्पर्क किया गया व विद्यालय सुरक्षा समिति का गठन किया गया जिसमें भूतपूर्व सैनिकों, ग्रामप्रधान, गणमान्य अभिभावकों व समुदाय को शामिल किया गया व उन्हें उत्तरदायित्व का बोध करवाने का प्रयास किया गया।
A- स्वयं का प्रयास -
बृहद स्तर पर वृक्षारोपण, प्रभावी टी एल एम का निर्माण व क्रय किए गए टी एल एम की सुदृढ़ व्यवस्था किया जाना, मनमोहक चित्रों की वालपेंटिग आदि को बनवाया गया, प्रत्येक छात्र-छात्राओं को विद्यालय का पहिचान-पत्र, निजी विद्यालयों की तरह ही निशुल्क टाई - बैल्ट व फोटो युक्त पहिचान-पत्र व स्कूल डायरी, निर्धन छात्र-छात्राओं हेतु विद्यालय में ही निशुल्क अन्य शिक्षण सामग्री (कापी - पेन - पेंसिल - रबड़ - कटर आदि) सामग्री का निरन्तर आवश्यकतानुसार वितरण, सभी छात्र - छात्राओं का शत-प्रतिशत आधारकार्ड- 2017 से ही उपलब्ध, 2015 से ही विद्यालय में खेल सामग्री उपलब्ध व भव्यरुप से प्रत्येक राष्ट्रीय त्योहार को मनाया जाना व प्रत्येक छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया जाना व विशेष पुरस्कारों की अतिरिक्त व्यवस्था।
B - अन्य शिक्षकों का सहयोग -
विद्यालय के सभी शिक्षकों का पर्याप्त सहयोग व सहभागिता रही उसके बिना कुछ भी संभव ही नही हो पाता.....।
C - जनप्रतिनिधि का सहयोग -
अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ ग्राम प्रधान श्रीमती राजकुमारी देवी जी का विशेष सहयोग प्राप्त होता रहा है विद्यालय में किये जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए हर संभव सहयोग का भरोसा दिया जाता रहा है, व परस्पर तालमेल बेहतर है।
D - शासन का सहयोग -
शासन स्तर से सकारात्मक सहयोग।
E- जन सहभागिता -
जनसमुदाय की पर्याप्त सहभागिता रही व सभी सहयोग हेतु तत्पर रहते हैं।
F - अन्य सहयोग -
विद्यालय परिवार के सभी शिक्षकों का उल्लेखनीय सहयोग प्राप्त हुआ, जिसमें सहायक अध्यापक के रूप में कु० आकांक्षा व श्री यादराम सिंह के द्वारा विद्यालय में अभूतपूर्व सहयोग प्रदान किया गया जिसका उल्लेख किया जाना नितांत आवश्यक है, टीएलएम निर्माण से लेकर प्रत्येक कार्य में रचनात्मक कार्य शैली के साथ विद्यालय की व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में अभूतपूर्व योगदान दिया है।






👉4 - विद्यालय की प्रेरक शिक्षण, सांस्कृतिक, सामाजिक एवं खेलकूद गतिविधियाँ:-
प्रार्थना सभा के बाद योग व प्राणायाम व सामूहिक चर्चा पी०टी० आदि।
रोचक गतिविधियों का शिक्षण में समावेश किया जाना व नवीन संसाधनों का बेहतर प्रयोग किया जाना, साप्ताहिक रुप से बालसभा, खेलकूद, शैक्षिक प्रतियोगिता, चर्चा - परिचर्चा आदि का आयोजन किया जाना आदि।

👉5- विद्यालय और बच्चों की
उपलब्धि:-
A- नामांकन विवरण: - अत्यंत छोटा-सा मजरा होने पर भी नामांकन गत वर्षों से 40 से 42 के मध्य है।
B- उपस्थिति: -
80% से 85% तक
C- पुरस्कार विवरण: -
प्रत्येक कक्षा 1 से 5 तक को प्रर्दशन के आधार पर प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार शील्ड मेडल व नकद पुरस्कार व सभी को सांत्वना पुरस्कार दिया जाता है।
D- प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता का विवरण:-
यह सच है कि अभी तक आशातीत सफलता प्राप्त नहीं हुई है, परन्तु अतिरिक्त तैयारी के साथ- साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी विगत वर्षों से निरन्तर करवायी जा रही है।
E- अन्य उपलब्धियाँ: -
छात्र-छात्राओं के साथ-साथ विद्यालय का समस्त परिवार शिक्षक, शिक्षामित्र, आंगनबाड़ी व रसोइयों को विद्यालय की तरफ से परिचय-पत्र उपलब्ध करवाये गये है जिसको विद्यालय प्रांगण में धारण करना अनिवार्य है।











👉6 - शिक्षक और विद्यालय की उपलब्धियां:-
A- नवाचार: संख्याओं के खेल का नवाचार
B- सम्मान:- स. शि. निदेशक बेसिक सर द्वारा दो बार उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान व ब्लाक स्तर व जनपद स्तर पर विद्यालय के उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु समय - समय किया गया सम्मानित ।
C- पुरस्कार: -
D- अन्य उपलब्धियाँ:- ब्लाक के अच्छे शैक्षिक प्रर्दशन के वाले उत्कृष्ट विद्यालयों में प्रमुख स्थान।









👉7 - मिशन शिक्षण संवाद के लिए संदेश:- जो होता है वह होने दो यह पौरुषहीन कथन है ,
हम चाहेंगे वो होगा इन शब्दों में ही जीवन है.........

👉8 - शिक्षक समाज के लिए संदेश:- शिक्षकों के गौरवशाली इतिहास को पुनः स्थापित करने के लिए हम और सिर्फ हम सभी ही सामर्थ्यवान है और यह गौरव हम सभी मिलकर पुनः पाकर ही रहेंगे यह हमारा, आपका और सबका दृढ़संकल्प है और होना भी चाहिए......

👉9- संकलन एवं सहयोग:
विकास मिश्र
मिशन शिक्षण संवाद एटा
07-05-2020

नोट: मिशन शिक्षण संवाद में सहयोग और सुझाव के लिए वाट्सअप नम्बर- 9458278429

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