४४०~ सुप्रिया सिंह, प्रा०वि० बनियामऊ- 1st, ब्लॉक- मछरेहटा, जनपद- सीतापुर, राज्य- उत्तर प्रदेश
🏅अनमोल रत्न🏅
मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद- सीतापुर से अनमोल रत्न शिक्षिका बहन सुप्रिया सिंह जी से करा रहे हैं जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और व्यवहार कुशलता से विद्यालय परिवार के साथ मिलकर अपने विद्यालय को विभिन्न शिक्षण गतिविधियों और उपलब्धियों का केन्द्र बनाने के साथ सामाजिक विश्वास का केन्द्र बना दिया है। जो हम सभी के लिए प्रेरक एवं अनुकरणीय प्रयास हैं।
आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये कुछ प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को:
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2639257796351801&id=1598220847122173
👉1..शिक्षक का परिचय:-
सुप्रिया सिंह, प्रा०वि० बनियामऊ- 1st, ब्लॉक- मछरेहटा, जनपद- सीतापुर, राज्य- उत्तर प्रदेश
प्रथम नियुक्ति: 15/11/2015
वर्तमान विद्यालय में नियुक्त: 15/11/2015
👉2- विद्यालय की समस्याए:-
जब नियुक्त होकर विद्यालय में पहुँची थी तब परिवेश एक विद्यालय के अनुकूल नहीं था तथा पढ़ाई के परिणाम के लिए महत्वपूर्ण छात्र उपस्थिति अपर्याप्त थी जिसमें सामाजिक सहयोग भी निष्क्रिय था बल्कि विद्यालय परिवेश में अराजक तत्वों का प्रभाव था।
👉3- विद्यालय की समस्याओं का समाधान:- सर्वप्रथम सभी नवनियुक्त अध्यापिकाओं के साथ गाँव में सभी नामांकित बच्चों के अभिभावकों से मिलकर बच्चों को नियमित विद्यालय भेजने का आग्रह किया।
छात्रों की विद्यालय में उपस्थिति बढ़ाने के लिए सर्वप्रथम शैक्षिक स्तर को बेहतर किया और नामांकन रैली, स्कूल चलो रैली, जन्मोत्सव समारोह, नामांकन मेला जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया, परिणामस्वरूप विद्यालय में प्रतिवर्ष नामांकन के साथ उपस्थिति का प्रतिशत भी बढ़ गया। अभिभावकों की प्रत्येक माह मीटिंग, व घर जाकर सम्पर्क किया व उनका मोबाइल नम्बर लेकर बच्चों की अनुपस्थिति पर फोन द्वारा उनसे सम्पर्क करना प्रारम्भ किया।
🥀 हर कमरे के लिये मेज, कुर्सी आदि की व्यवस्था की, जरूरी दस्तावेज रखने के लिए अलमारी, बक्शा व अन्य जरूरी सामान के साथ हर कक्ष में ब्लैकबोर्ड की व्यवस्था व क्षतिग्रस्त दीवारों व फर्श की मरम्मत कराई व नये दरवाज़े भी लगवाये।
🥀 विद्यालय में TLM भी नहीं थे, अतः हर कक्षा व पाठ्यवस्तु के अनुसार tlm बनाये व खरीदे।
🥀 प्रांगण को आकर्षक बनाने हेतु बच्चों के साथ मिलकर क्यारियाँ बनवाकर, फूल व मौसमी सब्जियों आदि के पौधे लगवाए, वृक्षारोपण किया। इस प्रकार विद्यालय परिसर को स्वच्छ व सुन्दर बनाया।
🥀 छात्रों का शैक्षिक स्तर कमज़ोर था। जिसपर मैं और मेरी सहायक अध्यापिकाओं द्वारा पूर्ण रूप से मेहनत करते हुए, खेल-खेल में शिक्षा, अभिनय, नैतिक शिक्षा, नवाचार, टीएलएम, आईसीटी, गतिविधि, प्रोजेक्ट कार्य आदि के माध्यम से बच्चों के शैक्षिक स्तर को बढ़ाया गया। साथ ही कमज़ोर बच्चों पर अधिक ध्यान देकर अधिगम स्तर प्राप्त किया गया।
🥀 छात्रों में स्वच्छता की कमी को स्वयं प्रार्थना स्थल में स्वचछता से लाभ- हानि पर चर्चा व जानकारी द्वारा तथा बच्चों को निःशुल्क बेल्ट देकर व स्वच्छ वेशभूषा में आने वाले बच्चों को प्रार्थना सभा में ही मंच पर बुलाकर व करतल ध्वनि द्वारा प्रोत्साहित किया गया जिससे अन्य बच्चे भी प्रेरित होकर विद्यालय स्वच्छरूप से आने लगे।
🥀 ग्रामीणों व अभिभावकों के अपेक्षित सहयोग हेतु नियमित मासिक बैठक करके व सदस्यों को प्रशिक्षित एवं घर-घर जाकर सहयोग हेतु प्रेरित करके विभिन्न कार्यक्रमों में सम्मानित करके ग्रामीणों व अभिभावकों का सहयोग प्राप्त किया। विद्यालय को अपना ही घर समझकर तोड़-फोड़ न करके सुंदर व सुव्यवस्थित बनाये रखने हेतु निरंतर प्रयासरत हैं।
👉- विद्यालय की प्रेरक शिक्षण, सांस्कृतिक, सामाजिक एवं खेलकूद गतिविधियाँ:-
🥀 बच्चों को विभिन्न गतिविधियों, नवाचारों के माध्यम से पढ़ाना आरम्भ किया गया।
🥀 TLM कुछ खरीदे भी गये कुछ सभी शिक्षिकाओं द्वारा मिलकर बनाये गए।
बच्चों को नियमित खेलकूद के साथ अन्य पाठ्य सहगामी क्रियाकलापों में प्रतिभाग हेतु सक्रिय बनाने का प्रयास किया गया।
🥀 विभिन्न प्रकार के प्रेरक गीत तथा प्रार्थनाएं व नियमित पी०टी० भी आरम्भ की गई जिसमें बच्चे बड़े उत्साह से भाग लेते हैं। बच्चों की स्वच्छता व साफ़ व सफ़ाई का निरीक्षण भी नियमित रूप से किया जाता है।
🥀 शनिवार को No Bag Day के अंतर्गत आर्ट एवं क्राफ़्ट तथा विद्यालय परिसर में बागवानी व जीवन कौशल से जुड़े विषयों से सम्बंधित गतिविधियां करायी जाती हैं।
🥀 विद्यालय में सभी महात्माओं तथा महापुरुषों की जयंती व सभी त्यौहार बड़ी धूम- धाम से मनाये जाते हैं।
🥀 राष्ट्रीय पर्व व अन्य महत्वपूर्ण दिवसों में रंगारंग, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन कर पुरस्कृत भी किया जाता है।
🥀 विद्यालय, संकुल व ब्लॉक स्तरीय रैलियों का भी आयोजन किया जाता है।
🥀 बच्चों द्वारा विज्ञान विषय से सम्बंधित working modal भी बनाये जाते हैं।
👉5- विद्यालय और बच्चों की
उपलब्धि:-
A- नामांकन विवरण: 2015 में विद्यालय में नामांकित बच्चों की संख्या 116 थी, निरन्तर बढ़ते हुए आज विद्यालय में 140 बच्चे नामांकित हैं।
B- उपस्थिति: विद्यालय में उपस्थिति लगभग 70 से 80 प्रतिशत रहती है।
C- पुरस्कार विवरण: विद्यालय के बालक बालिकाओं को 2016, 2017, 2018 में संकुल व ब्लॉक स्तरीय क्रीड़ा प्रतियोगिता( रेस, कबड्डी, सुलेख हिंदी-अंग्रेजी) में प्रथम, द्वितीय तृतीय व सांत्वना पुरस्कार प्राप्त हुआ है।
D- प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता का विवरण: इसी वर्ष हमारे विद्यालय की कक्षा5 की छात्रा सोनी ने विद्याज्ञान प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण की है।
* विवेकानंद क्विज़ कॉम्पिटिशन में विद्यालय की कक्षा 4 की छात्रा शिखा ने स्थान प्राप्त किया।
👉6 - शिक्षक और विद्यालय की उपलब्धियां:-
A- नवाचार: शिक्षकों द्वारा विषय को सरल, सुगम व ग्राह्य बनाने हेतु नवाचार गतिविधियां अपनायी जाती हैं।
B- पुरस्कार: * ब्लॉक स्तरीय रंगोली व पोस्टर प्रतियोगिता में भी विद्यालय को प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है।
*जनपद स्तरीय TLM प्रतियोगिता में उत्कृष्ट विद्यालयों की टीम के साथ प्रतिभाग तथा जनपद में ब्लॉक को प्रथम पुरस्कार भी प्राप्त हुआ।
👉7 - मिशन शिक्षण संवाद के लिए संदेश:
मिशन शिक्षण संवाद अध्यापकों के लिए अत्यंत ही महत्वपूर्ण व लाभकारी मंच है जिससे अध्यापक विभिन्न गतिविधियों के द्वारा स्वयं व अन्य अध्यापकों से सीखकर बच्चों के शिक्षण को रुचिपूर्ण व प्रभावशाली बनाते हैं।
👉8 - शिक्षक समाज के लिए संदेश:- मैं सभी शिक्षकों को सन्देश देना चाहती हूँ कि सभी शिक्षक इस मिशन के द्वारा नवाचार गतिविधियां सीखें और बच्चों में इसे परिणित करें तथा जो यदि आपके द्वारा कुछ नया कार्य किया जा रहा है तो उसे मिशन के ग्रुप पर साझा अवश्य करें जिससे अन्य लोग भी प्रेरणा लेकर और बच्चों को सिखाने का प्रयास करें, जिससे वे किसी भी चीज से वंचित न रह जाएं। मिशन का एक उद्देश्य सबका साथ, सबका विकास.... आइए हाथ मिलाएं, शिक्षा का मान बढायें।
👉9- संकलन एवं सहयोग
अजय सिंह
मिशन शिक्षण संवाद सीतापुर
06-05-2020
नोट: मिशन शिक्षण संवाद में सहयोग और सुझाव के लिए वाट्सअप नम्बर- 9458278429 पर लिखें।
मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद- सीतापुर से अनमोल रत्न शिक्षिका बहन सुप्रिया सिंह जी से करा रहे हैं जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और व्यवहार कुशलता से विद्यालय परिवार के साथ मिलकर अपने विद्यालय को विभिन्न शिक्षण गतिविधियों और उपलब्धियों का केन्द्र बनाने के साथ सामाजिक विश्वास का केन्द्र बना दिया है। जो हम सभी के लिए प्रेरक एवं अनुकरणीय प्रयास हैं।
आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये कुछ प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को:
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2639257796351801&id=1598220847122173
👉1..शिक्षक का परिचय:-
सुप्रिया सिंह, प्रा०वि० बनियामऊ- 1st, ब्लॉक- मछरेहटा, जनपद- सीतापुर, राज्य- उत्तर प्रदेश
प्रथम नियुक्ति: 15/11/2015
वर्तमान विद्यालय में नियुक्त: 15/11/2015
👉2- विद्यालय की समस्याए:-
जब नियुक्त होकर विद्यालय में पहुँची थी तब परिवेश एक विद्यालय के अनुकूल नहीं था तथा पढ़ाई के परिणाम के लिए महत्वपूर्ण छात्र उपस्थिति अपर्याप्त थी जिसमें सामाजिक सहयोग भी निष्क्रिय था बल्कि विद्यालय परिवेश में अराजक तत्वों का प्रभाव था।
👉3- विद्यालय की समस्याओं का समाधान:- सर्वप्रथम सभी नवनियुक्त अध्यापिकाओं के साथ गाँव में सभी नामांकित बच्चों के अभिभावकों से मिलकर बच्चों को नियमित विद्यालय भेजने का आग्रह किया।
छात्रों की विद्यालय में उपस्थिति बढ़ाने के लिए सर्वप्रथम शैक्षिक स्तर को बेहतर किया और नामांकन रैली, स्कूल चलो रैली, जन्मोत्सव समारोह, नामांकन मेला जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया, परिणामस्वरूप विद्यालय में प्रतिवर्ष नामांकन के साथ उपस्थिति का प्रतिशत भी बढ़ गया। अभिभावकों की प्रत्येक माह मीटिंग, व घर जाकर सम्पर्क किया व उनका मोबाइल नम्बर लेकर बच्चों की अनुपस्थिति पर फोन द्वारा उनसे सम्पर्क करना प्रारम्भ किया।
🥀 हर कमरे के लिये मेज, कुर्सी आदि की व्यवस्था की, जरूरी दस्तावेज रखने के लिए अलमारी, बक्शा व अन्य जरूरी सामान के साथ हर कक्ष में ब्लैकबोर्ड की व्यवस्था व क्षतिग्रस्त दीवारों व फर्श की मरम्मत कराई व नये दरवाज़े भी लगवाये।
🥀 विद्यालय में TLM भी नहीं थे, अतः हर कक्षा व पाठ्यवस्तु के अनुसार tlm बनाये व खरीदे।
🥀 प्रांगण को आकर्षक बनाने हेतु बच्चों के साथ मिलकर क्यारियाँ बनवाकर, फूल व मौसमी सब्जियों आदि के पौधे लगवाए, वृक्षारोपण किया। इस प्रकार विद्यालय परिसर को स्वच्छ व सुन्दर बनाया।
🥀 छात्रों का शैक्षिक स्तर कमज़ोर था। जिसपर मैं और मेरी सहायक अध्यापिकाओं द्वारा पूर्ण रूप से मेहनत करते हुए, खेल-खेल में शिक्षा, अभिनय, नैतिक शिक्षा, नवाचार, टीएलएम, आईसीटी, गतिविधि, प्रोजेक्ट कार्य आदि के माध्यम से बच्चों के शैक्षिक स्तर को बढ़ाया गया। साथ ही कमज़ोर बच्चों पर अधिक ध्यान देकर अधिगम स्तर प्राप्त किया गया।
🥀 छात्रों में स्वच्छता की कमी को स्वयं प्रार्थना स्थल में स्वचछता से लाभ- हानि पर चर्चा व जानकारी द्वारा तथा बच्चों को निःशुल्क बेल्ट देकर व स्वच्छ वेशभूषा में आने वाले बच्चों को प्रार्थना सभा में ही मंच पर बुलाकर व करतल ध्वनि द्वारा प्रोत्साहित किया गया जिससे अन्य बच्चे भी प्रेरित होकर विद्यालय स्वच्छरूप से आने लगे।
🥀 ग्रामीणों व अभिभावकों के अपेक्षित सहयोग हेतु नियमित मासिक बैठक करके व सदस्यों को प्रशिक्षित एवं घर-घर जाकर सहयोग हेतु प्रेरित करके विभिन्न कार्यक्रमों में सम्मानित करके ग्रामीणों व अभिभावकों का सहयोग प्राप्त किया। विद्यालय को अपना ही घर समझकर तोड़-फोड़ न करके सुंदर व सुव्यवस्थित बनाये रखने हेतु निरंतर प्रयासरत हैं।
👉- विद्यालय की प्रेरक शिक्षण, सांस्कृतिक, सामाजिक एवं खेलकूद गतिविधियाँ:-
🥀 बच्चों को विभिन्न गतिविधियों, नवाचारों के माध्यम से पढ़ाना आरम्भ किया गया।
🥀 TLM कुछ खरीदे भी गये कुछ सभी शिक्षिकाओं द्वारा मिलकर बनाये गए।
बच्चों को नियमित खेलकूद के साथ अन्य पाठ्य सहगामी क्रियाकलापों में प्रतिभाग हेतु सक्रिय बनाने का प्रयास किया गया।
🥀 विभिन्न प्रकार के प्रेरक गीत तथा प्रार्थनाएं व नियमित पी०टी० भी आरम्भ की गई जिसमें बच्चे बड़े उत्साह से भाग लेते हैं। बच्चों की स्वच्छता व साफ़ व सफ़ाई का निरीक्षण भी नियमित रूप से किया जाता है।
🥀 शनिवार को No Bag Day के अंतर्गत आर्ट एवं क्राफ़्ट तथा विद्यालय परिसर में बागवानी व जीवन कौशल से जुड़े विषयों से सम्बंधित गतिविधियां करायी जाती हैं।
🥀 विद्यालय में सभी महात्माओं तथा महापुरुषों की जयंती व सभी त्यौहार बड़ी धूम- धाम से मनाये जाते हैं।
🥀 राष्ट्रीय पर्व व अन्य महत्वपूर्ण दिवसों में रंगारंग, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन कर पुरस्कृत भी किया जाता है।
🥀 विद्यालय, संकुल व ब्लॉक स्तरीय रैलियों का भी आयोजन किया जाता है।
🥀 बच्चों द्वारा विज्ञान विषय से सम्बंधित working modal भी बनाये जाते हैं।
👉5- विद्यालय और बच्चों की
उपलब्धि:-
A- नामांकन विवरण: 2015 में विद्यालय में नामांकित बच्चों की संख्या 116 थी, निरन्तर बढ़ते हुए आज विद्यालय में 140 बच्चे नामांकित हैं।
B- उपस्थिति: विद्यालय में उपस्थिति लगभग 70 से 80 प्रतिशत रहती है।
C- पुरस्कार विवरण: विद्यालय के बालक बालिकाओं को 2016, 2017, 2018 में संकुल व ब्लॉक स्तरीय क्रीड़ा प्रतियोगिता( रेस, कबड्डी, सुलेख हिंदी-अंग्रेजी) में प्रथम, द्वितीय तृतीय व सांत्वना पुरस्कार प्राप्त हुआ है।
D- प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता का विवरण: इसी वर्ष हमारे विद्यालय की कक्षा5 की छात्रा सोनी ने विद्याज्ञान प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण की है।
* विवेकानंद क्विज़ कॉम्पिटिशन में विद्यालय की कक्षा 4 की छात्रा शिखा ने स्थान प्राप्त किया।
👉6 - शिक्षक और विद्यालय की उपलब्धियां:-
A- नवाचार: शिक्षकों द्वारा विषय को सरल, सुगम व ग्राह्य बनाने हेतु नवाचार गतिविधियां अपनायी जाती हैं।
B- पुरस्कार: * ब्लॉक स्तरीय रंगोली व पोस्टर प्रतियोगिता में भी विद्यालय को प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है।
*जनपद स्तरीय TLM प्रतियोगिता में उत्कृष्ट विद्यालयों की टीम के साथ प्रतिभाग तथा जनपद में ब्लॉक को प्रथम पुरस्कार भी प्राप्त हुआ।
👉7 - मिशन शिक्षण संवाद के लिए संदेश:
मिशन शिक्षण संवाद अध्यापकों के लिए अत्यंत ही महत्वपूर्ण व लाभकारी मंच है जिससे अध्यापक विभिन्न गतिविधियों के द्वारा स्वयं व अन्य अध्यापकों से सीखकर बच्चों के शिक्षण को रुचिपूर्ण व प्रभावशाली बनाते हैं।
👉8 - शिक्षक समाज के लिए संदेश:- मैं सभी शिक्षकों को सन्देश देना चाहती हूँ कि सभी शिक्षक इस मिशन के द्वारा नवाचार गतिविधियां सीखें और बच्चों में इसे परिणित करें तथा जो यदि आपके द्वारा कुछ नया कार्य किया जा रहा है तो उसे मिशन के ग्रुप पर साझा अवश्य करें जिससे अन्य लोग भी प्रेरणा लेकर और बच्चों को सिखाने का प्रयास करें, जिससे वे किसी भी चीज से वंचित न रह जाएं। मिशन का एक उद्देश्य सबका साथ, सबका विकास.... आइए हाथ मिलाएं, शिक्षा का मान बढायें।
👉9- संकलन एवं सहयोग
अजय सिंह
मिशन शिक्षण संवाद सीतापुर
06-05-2020
नोट: मिशन शिक्षण संवाद में सहयोग और सुझाव के लिए वाट्सअप नम्बर- 9458278429 पर लिखें।
Congratulations
ReplyDeleteMa'am, your success story is very inspiring. I congratulate you and your staff for the achievements and praiseworthy work.
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