भगवान राम
हो रहा है यह मन मगन,
जन्म हो रहा है आज भगवन।
हर्षित हो रहा है यह तन बदन,
देखकर यह प्यारे भगवन चरण।।
धन्य हो रहा है यह दशरथ सदन,
माँ कौशल्या के हैं यह प्यारे ललन।
राजा दशरथ हो रहे हैं आज मगन,
सारी नगरी बनी है आज दुल्हन।।
दे रहा है आशीष यह सारा गगन,
पुलकित हुए हैं आज सारे देवगण।
कोयल है गुनगुनाये, नाच रहे मोर मगन,
छा रहा है आनंद नाच रहे देवगण।।
ऐसा शुभ दिन आया दशरथ के सदन,
वर्षों से हो रहे थे यह गीले नयन।
एक साथ जन्म लिए चार ललन,
हो रहा है आज भक्तों का भगवन से मिलन।।
रचयिता
साधना,
प्रधानाध्यापक
कंपोजिट स्कूल ढोढ़ियाही,
विकास खण्ड-तेलियानी,
जनपद-फतेहपुर।
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