श्रीनिवास रामानुजन
श्रीनिवास रामानुजन अयंगर एक सितारा,
भारतीय गणितज्ञ था बहुत प्यारा,
आधुनिक काल के गणितज्ञ विचारक,
बिना प्रशिक्षण के था ज्ञान गणित का सारा।
22 दिसंबर 1888 जग को देखा था,
ट्रिनिटी कॉलेज से ज्ञान प्राप्त किया था,
प्रतिभा और लगन से अद्भुत आविष्कार किए,
भारत को अतुलनीय गौरव प्रदान किया था।
बचपन से ही थे विलक्षण प्रतिभावान,
गणित के 3884 प्रमेयों का किया संकलन,
"क्रिस्टल विज्ञान" में प्रयुक्त हुए सूत्र,
रामानुजम जनरल की स्थापना का हुआ काम।
विद्यालय छोड़ने के बाद किया बहुत संघर्ष,
परतंत्रता की बेड़ियों का था आकर्ष,
गणित के प्रति श्रद्धा न डगमगाई,
भटकना पड़ा जारी रखने को जीवन संघर्ष।
प्रोफ़ेसर हार्डी से थे प्रभावित,
जिन्होंने रामानुजन की प्रक्रिया को पहचाना,
दोनों बने एक-दूसरे के पूरक,
गणित ने किया दोनों को प्रभावित।
रॉयल सोसायटी पाने वाले थे सदस्य,
मद्रास विश्वविद्यालय में बने प्राध्यापक,
26 अप्रैल 1920 जग से मुँह मोड़ा,
गणित के सितारे ने किया आकृष्य।
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