दांडी सत्याग्रह दिवस
अंग्रेजों ने जब नमक पर कर लगाया,
गांधीजी के रक्त में एक उबाल आया,
दांडी मार्च पको सत्याग्रह का रूप मिला,
गांधीजी ने फिर विरोध का बिगुल बजाया।
शुरू हुई है यात्रा 12 मार्च को,
आवाह्न किया 6 अप्रैल 1930 को,
भारतीयों को इस कानून से मुक्त था कराना,
उद्देश्य था एक मंच पर भारतीयों को लाना।
तोप तलवार का न नामोनिशान था,
हर एक नागरिक लिए हाथ पर जान था,
अंग्रेजी सत्ता नई चुनौती में घिरी थी,
नमक विरोधी कानून भंग करने का आवाह्न था।
सत्याग्रहियों ने लाठियाँ भी खायीं,
लेकिन कभी भी पीठ न दिखाई,
कई नेताओं की हुई गिरफ्तारी,
शामिल थे इनमें पं0 नेहरू, सी राजगोपालाचारी।
सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत हुई,
व्यापक जन संघर्ष की बात हुई,
सरोजिनी नायडू ने भी नेतृत्व सँभाल,
ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिलने की दस्तक हुई।
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