आओ हरा सोना उगायें हम

 आओ हरा सोना उगायें हम 

आओ हम -तुम वृक्ष लगायें, 

चलो धरा को हरा भरा बनायें। 

पीपल, बट नीम के पौधे लगायें, 

वसुधा को प्रदूषण मुक्त करायें। 

जन -जन तक ये सन्देश पहुँचायें, 

भू को कंक्रीटों का घर ना बनायें। 

घर में मिट्टी की कुछ जगह बचायें, 

एक -दो सुन्दर पौधे वहाँ   लगायें। 

प्राण संजीवनी खुद भी पायें, 

धरा को भी जहरीली गैसों से बचायें। 

 आओ मिलकर हरा सोना उपजायें 

 वृक्ष लगाकर अपना कर्तव्य निभायें। 

 खाद -पानी देकर उन्हें बचायें, 

 तन -मन से उनको अपना साथी बनायें। 

चारों  ओर  हरीतिमा को फैलायें, 

 प्रकृति को सुन्दर - समृद्ध बनायें।  

बाढ़ - भूस्खलन से भूमि को बचायें, 

आओ मिलकर धरती को हरा -भरा बनायें॥ 

                      

रचयिता

विमला रावत,
सहायक अध्यापक,
राजकीय जूनियर हाईस्कूल नैल गुजराड़ा,
विकास क्षेत्र-यमकेश्वर,
जनपद-पौड़ी गढ़वाल,
उत्तराखण्ड।

Comments

  1. बहुत सुन्दर और शिक्षाप्रद रचना के लिये बधाई ।

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