शिक्षा
शिक्षा है एक ऐसी दिव्य ज्योति,
जिससे हर घर में रोशनी होती।
व्यक्ति के हृदय में जब यह जाती,
सुंदर उसका व्यक्तित्व बनाती।।
शिक्षा है एक ऐसी दिव्य ज्योति...
ज्ञान का दीप जब जल जाता,
अज्ञानी भी ज्ञानी बन जाता।
स्वयं का करके विकास वह,
देश को आगे ले जाता।।
शिक्षा है एक ऐसी दिव्य ज्योति.....
रूढ़ियों को कर विरोध वह,
समाज में नई क्रांति लाता।
सही गलत की पहचान करके,
अपना हर कर्तव्य निभाता।।
शिक्षा है एक ऐसी दिव्य ज्योति....
अब हमें अपना कर्तव्य निभाना है,
शिक्षा को जन-जन तक पहुँचाना है।
अज्ञानता का नामो निशान मिटाकर,
भारत को फिर से जगतगुरु बनाना है।।
शिक्षा है एक ऐसी दिव्य ज्योति .....
रचनाकार
मृदुला वर्मा,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय अमरौधा प्रथम,
विकास खण्ड-अमरौधा,
जनपद-कानपुर देहात।
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