अखबार
ट्रिन-ट्रिन अखबार वाले ने,
जैसे आवाज लगाई,
दौड़ी-दौड़ी छोटी बिटिया,
अखबार उठा कर लाई।
जब तक ना अखबार मिले,
चाय फीकी लगती पर,
पढ़ अखबार खबर सुनो,
तभी शांति मिलती।
राष्ट्रीय -अंतरराष्ट्रीय स्तर की,
सारी खबर पढ़ पाते,
देश -विदेश व्यापार जगत की,
सूचना हमें बताते।
छोटी से छोटी खबरों की,
जानकारी हमें कराते,
और खेल जगत के चौके छक्के,
का लुत्फ उठाते।
पल में भाव चढ़ा सोने का,
चाँदी का गिरा भाव बताते,
पढ़कर नए नए विज्ञापन,
हम सब लाभ उठाते।
रचयिता
नीलम सिंह,
सहायक अध्यापक,
उच्च प्राथमिक विद्यालय रतनगढ़ी,
विकास खण्ड व जनपद-हाथरस।
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