कमलादेवी चट्टोपाध्याय
नवजागरण लाने वाली गांधीवादी महिला,
स्वतन्त्रता का क्षेत्र और था हस्तकला।
भारतीय समाज सुधारक थीं कमला देवी,
3 अप्रैल 1903 को प्रकटीं कमला देवी।।
हस्तशिल्प, हथकरघा और थिएटर की प्रेरणा,
भारतीय महिलाओं के उत्थान की थी प्रेरणा।
बेडफोर्ड कॉलेज(लन्दन) से प्राप्त की शिक्षा,
पैनी दृष्टि से बाजार को बचाने की दी प्रेरणा।।
लेखन का शौक बचपन से था प्रखर,
पुस्तकें लिखीं, चर्चा हुई मुखर।
"इन बार टार्नचाइना" "अंकल सैम एंपायर",
प्रसिद्ध रहीं "टुवर्ड्स ए नेशनल थियेटर"।।
'रेमन मैग्सेसे' पुरस्कार उनको प्राप्त हुआ,
पद्म भूषण को भी उन्होंने छुआ।
लम्बी थी फेहरिस्त क्या-क्या बताएँ,
पद्म विभूषण 1987 में हाथ में इनके धन्य हुआ।।
29 अक्टूबर 1988 जग से किनारा किया,
पुनर्जागरण की सशक्त मशाल का कार्य किया।
2017 में 'महिला दिवस' पर स्मृति ईरानी ने की घोषणा,
महिला बुनकरों को कमलादेवी चट्टोपाध्याय राष्ट्रीय पुरस्कार शुरू किया।।
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