हनुमान जयंती

चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि,

हनुमान जयंती के पूर्व की यह तिथि,

अंजनी -नंदन को समर्पित है यह दिन,

भक्तों के कष्ट दूर करने की है तिथि।


विपदा है चहुँओर संकट बाँह फैलाए,

रक्षा करो हनुमान, संकट मोचन कहलाए,

आज हनुमान जी को आना ही होगा,

संकट से भक्तों को छुड़ाने हैं वह आए।


आज धरती पर संकट बहुत है,

चारों तरफ हाहाकार बहुत है,

विपदा तुमने टारी है भगवन,

तुमसे जहां को उम्मीदें बहुत है।


नैया है प्रभु हम सब की मंझधार में,

आकर उबारो हमें प्रभु प्यार से,

सीताराम को उर में बसाए,

हमने बसाया है दिल के दरबार में।


लक्ष्मण को सजीवन से जिआए,

राम का जीवन वापस लाए,

दोनों कर जोर करूँ मैं विनती,

जगत को संकट से तुम ही बचाए।


रचयिता
नम्रता श्रीवास्तव,
प्रधानाध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय बड़ेह स्योढ़ा,
विकास खण्ड-महुआ,
जनपद-बाँदा।

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