पृथ्वी दिवस
पृथ्वी है एक गृह विचित्र,
जीवन के हैं इस पर विभिन्न चित्र।
रक्षा अगर हमें पृथ्वी की है करनी,
जीव संरक्षण में सहायता है करनी।
स्वयं से करें हम सब वादा,
प्रदूषण न करेंगे ज्यादा।
शुद्ध अगर सबको वायु चाहिए,
पौधे अधिक से अधिक लगाइए।
बस न केवल स्वार्थ दिखाओ
परमार्थ करो अपना अस्तित्व बचाओ।
पृथ्वी विरली है, इस पर जल है,
दोनों से ही संभव हमारा कल है।
कठिन समय है, जीवन बचाओ,
पृथ्वी को बचाने का संकल्प उठाओ।
फिलहाल घर में वक्त बिताओ,
कल की नई तस्वीर बनाओ।
रचयिता
डॉ0 प्रीति चौधरी,
सहायक अध्यापक,
उच्च प्राथमिक विद्यालय सुनपेड़ा,
विकास खण्ड-सिकंदराबाद,
जनपद-बुलंदशहर।
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