गुड फ्राइडे
ईसाई धर्म के थे प्रवर्तक,
ईसा मसीह था उनका नाम।
मानव को शान्ति-प्रेम का,
सन्देश देना था बस काम।।
कर्मकाण्ड और अन्धविश्वास का,
खुलकर किया था विरोध।
तभी कट्टरपन्थियों को,
आ गया था उन पर क्रोध।।
करके तरह-तरह के दोषारोपण,
सूली पर चढ़ाया था।
दिन था वह शुक्रवार,
जो गुड फ्राइडे कहलाया था।।
फिर भी प्रभु यीशु ने,
ना किसी पर दोषारोपण किया।
बदले में सबके लिए प्रभु से,
क्षमादान भी माँग लिया।।
गुड फ्राइडे दिन होता है,
प्रायश्चित और प्रार्थना का।
विश्व में फैले शान्ति,
ज्योति की है यही कामना।।
रचयिता
ज्योति विश्वकर्मा,
सहायक अध्यापिका,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय जारी भाग 1,
विकास क्षेत्र-बड़ोखर खुर्द,
जनपद-बाँदा।
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