जीवन उत्सव दिवस
जीवन के हर रिश्ते में,
हम खुशियाँ फैलाते हैं।
अपनेपन और सौहार्द का माहौल हो,
'जीवन का उत्साह दिवस' मनाते हैं।
जीवन के हर उतार-चढ़ाव की,
इस दिन हो, चर्चा परिचर्चा।
आने वाली पीढ़ी का जश्न हो,
ढलते उम्र का, मोह रहे बना।।
जीवन के सभी चरणों में,
भावनाएँ हो प्रत्यक्ष व्यक्त।
सीमित संसाधनों में खुश रहें,
सांसारिक रिश्ते हों सभी सशक्त।।
'रोनाल्ड रेगन' ने 1984 को, अपने
'जीवन उत्सव दिवस' का किया स्थापना।
खुद और बच्चों के जीवन जश्न मनाये,
11 वीं वर्षगाँठ पर, पुनः पूरे विश्व में मना।।
रचयिता
वन्दना यादव "गज़ल"
सहायक अध्यापक,
अभिनव प्रा० वि० चन्दवक,
विकास खण्ड-डोभी,
जनपद-जौनपुर।
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