नया साल
आ रहा है.. साल- नया,
नई तारीखें.. ख्वाब - नया|
नई डायरी में लिखेंगे...
स्वप्न - नया, पैगाम- नया,
नई -राह, मंजिल - नया,
और लिखेंगे समय का हिसाब - नया|
मात-पिता और गुरु जनों की
बात- मानकर, सीख -सीख कर..
अथक परिश्रम और लगन से
अरमानों को देंगे.. पंख- नया, उडा़न- नया|
आ रहा है.. साल - नया,
नई तारीखें.. ख्वाब - नया॥
व्यर्थ न एक पल जाने देंगे,
खूब - पढ़ेंगे, आगे - बढेंगे..
हुनरमंद, निपुण बनेंगे,
लिखेंगे नया- जीवन, तकदीर- नया|
आ रहा है..साल - नया,
नई -तारीखें. .. ख्वाब - नया॥
जल -थल-नभ को नाप सकें,
शिखर का दामन चूम सकें,
अपने डगमग कदमों को देंगे..
जोश -नया, उत्साह- नया|
आ रहा है ....साल - नया,
नई -तारीखें...ख्वाब -नया॥
स्वच्छ हो तन-मन-परिवेश अपना,
जीव-पादप सब फलें- फूलें,
हो होंठो पर मुस्कान सभी के...
रखेंगे ऐसा, जीने का अंदाज - नया|
आ रहा है ...साल - नया,
नई -तारीखें, ख्वाब - नया ॥
रचयिता
अर्चना विश्वकर्मा,
प्रधानाध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय डोड़हर पुनर्वास,
विकास खण्ड-म्योरपुर,
जनपद-सोनभद्र।
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