ज्ञानचक्षु 'लुई ब्रेल'
मुसीबतों से घबराएँ न,
उनसे कुछ सीखना चाहिए।
नेत्र गँवाने के बावजूद,
लुई ब्रेल सी ललक चाहिए।।
गहरे अंधकार में रहकर,
एक गहन अनुसंधान किया।
शिक्षा से वंचित रहे न कोई,
लिपि नेत्रहीनों के नाम किया।।
सकारात्मक दृष्टिकोण का जो,
व्रत नियम आपने अपनाया।
घोर तिमिर में जग को जगमग,
पढ़ना लिखना सरल बनाया।।
विशेष बच्चे, बूढ़े या जवान
नभ आसानी से छू लेंगे।
फ्रांस के शिक्षाविद अन्वेषक
उपकार तुम्हारा न भूलेंगे।।
रचयिता
ऋषि दीक्षित,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय भटियार,
विकास क्षेत्र- निधौली कलाँ,
जनपद- एटा।
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