है देश मेरा महान

 है देश मेरा महान,

इसी से मेरी पहचान।

सर्वस्व दिया है इसने मुझको,

इस पर जान कुर्बान।।


देश मेरा मतवाला है,

मुझको प्राणों से प्यारा है।

हर नागरिक है रक्षक इसका,

जज्बा देशभक्ति का न्यारा है।।


नहीं भेदभाव मेरे देश में,

हर धर्म का सम्मान यहाँ।

है अनेकता में एकता,

मेरे भारत जैसा देश कहाँ?


देश की आजादी की खातिर,

नदियाँ बहीं लहू की जहाँ।

कुर्बानियाँ अनेक वीरों की,

तब स्वतंत्रता मिली यहाँ।।


गणतंत्र दिवस पर आज हम,

याद वीरों को करते हैं।

सलामी देकर राष्ट्रध्वज को,

सम्मान उनका करते हैं।।


रचयिता

सीमा शर्मा,

सहायक अध्यापक,

प्राथमिक विद्यालय निवाड़ा,

विकास खण्ड-बागपत, 

जनपद-बागपत।



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