मेरा प्यारा देश

मेरा प्यारा देश, मेरा हिंदुस्तान है, 

गर्व मुझे इसकी माटी पर, ये मेरा अभिमान है। 


विभिन्न संस्कृति, विभिन्न बोलियाँ, 

विभिन्न धर्मों की यहाँ टोलियाँ, 

फिर भी अनेकता में एकता की पहचान है, 

मेरा प्यारा देश, मेरा हिंदुस्तान है। 


मंदिर में होते हैं कीर्तन, गुरूद्वारे में वाणी, 

गिरजाघर में होती, रोज प्रार्थना न्यारी, 

पाँचों पहर देखो यहाँ, होती रोज अजान है, 

मेरा प्यारा देश, मेरा हिंदुस्तान है। 


धन दौलत और हीरे मोती, 

सबसे अनमोल मिट्टी होती, 

इस गौरव माटी में देखो, बसते मेरे प्राण हैं, 

मेरा प्यारा देश, मेरा हिंदुस्तान है। 


आजाद, सुभाष, वीर भगत सिंह, आजादी के मस्ताने, 

सरहदों पर खड़े हुए हैं सैनिक मेरे दीवाने, 

नमन मेरा इन मस्तानों को, याद हमें बलिदान है, 

मेरा प्यारा देश, मेरा हिंदुस्तान है। 


गंगा, यमुना, कावेरी नदियाँ हैं बहती यहाँ, 

हिमालय मुकुट प्रहरी सरीखा, उत्तर में है खड़ा जहाँ, 

सर्व धर्म भाव सिखाता, अंबेडकर जी का संविधान है, 

मेरा प्यारा देश, मेरा हिंदुस्तान है। 


रचयिता

पंकज लता मिश्रा, 

सहायक अध्यापक,

प्राथमिक विद्यालय छितौनी शाहपुर चगौना,

विकास खण्ड-अहिरौला,

जनपद-आजमगढ़।



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