मेरी प्यारी टीचर

ए से एप्पल, क से कबूतर,

टीचर हमें पढ़ाती हैं।

फिर भी हमें समझ नहीं आता,

तो फिर से समझाती हैं।


जैसे प्यारी कोयल बोले,

वो वैसे बतलाती हैं।

अगर लड़ाई हम करते तो,

वो हमको समझाती हैं।

ए से एप्पल, क से कबूतर,

टीचर हमें पढ़ाती हैं।


रचयिता

नितेश शुक्ला,

विद्यार्थी,

कक्षा-8,

उच्च प्राथमिक विद्यालय चरवा,

विकास खण्ड-चायल,

जनपद-कौशाम्बी।

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