ऋतुराज बसंत
करते हैं आज ऋतुराज बसन्त का अभिनंदन,
आओ मिलकर करें माता सरस्वती का पूजन।
नई-नई कोमल पत्तियों से सजेगी यह धरा,
हर मन में उत्साह, उमंग नव जोश है भरा।
सर्दी की हो रही है अब धीरे-धीरे विदाई,
देखो-देखो बसंत की अनोखी छटा छाई।
पीले-पीले कपड़े पहने बच्चे नर-नारी,
पुरवाई चली, लगे नीले अंबर की छटा प्यारी।
रचयिता
शालिनी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय बनी,
विकास खण्ड-अलीगंज,
जनपद-एटा।
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