बेटी शिक्षा

बेटी शिक्षा का  अलख जगाना है,

शिक्षित हो बेटी अधिकार दिलाना है।

ज्ञान पुंज का उज्ज्वल दीप जले, 

निरक्षरता का तिमिर जग से मिटाना है।।


पढ़ी-लिखी बेटी मान हों कुल की,

आत्मनिर्भर बनें, गुलाम ना हो भूल की।

एक कदम शिक्षा की ओर बढ़ायेंगे,

बेटी जननी है विकास के मूल की।।


बोझ नहीं बेटी, उस पर विश्वास जगायें, 

करो सब संकल्प, हर बेटी को हम पढ़ायें।

हर बेटी को, शिक्षा-सुरक्षा का अधिकार,

स्वस्थ सुरक्षित बेटी है, कल का आधार।।


रचयिता

वन्दना यादव "गज़ल"
सहायक अध्यापक,

अभिनव प्रा० वि० चन्दवक,

विकास खण्ड-डोभी, 
जनपद-जौनपुर।

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