विश्व पुस्तक दिवस

पढ़ कर देखो बच्चों तुम किताबें,

ये तुम्हें दूसरे जहान में ले जाएँगी।

कभी स्वर्ग लोक, कभी शैतानपुर, 

कभी परीलोक की सैर कराएँगी।।


कभी हँसोगे पेट पकड़कर,

कभी ये आँसुओं में डुबाएँगी।

और जो पढ़ोगे कोर्स की किताबें,

ये तुम्हें कामयाब बनाएँगी।।


किताबें तुम्हें सिर्फ देश ही नहीं,

पूरी दुनिया का इतिहास बताएँगी।

हिन्दी, अंग्रेजी, उर्दू , संस्कृत आदि,

हर भाषा का ये ज्ञान कराएँगी।।


महान लोगों की जीवनी के द्वारा,

ये महान बनने का मार्ग दिखाएँगी,


रचयिता

भावना तोमर,

सहायक अध्यापक,

प्राथमिक विद्यालय  नं०-1 मवीकलां,

विकास खण्ड-खेकड़ा,

जनपद-बागपत।


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