बाबा साहब

तर्ज - बहुत प्यार करते हैं


बहुत याद करते हैं,

बाबा तुम्हें हम।

कैसे चुकाएँगे,

तेरा कर्ज हम।


काँटों पे चल कर, खिलें फूल बनकर,

तुमने ना देखा कभी पीछे मुड़कर।

कभी डगमगाए ना,

तेरे कदम।

बहुत याद करते हैं........


जात पात का भेद मिटाया

समता का हमें पाठ पढ़ाया।

हिम्मत ना हारी,

तुमने मरते दम।

बहुत याद करते हैं.....


तुमने दिए हमें अधिकार सारे,

एहसान लाखों हैं हम पर तुम्हारे।

सदा गीत गाएँगे,

जब तक है दम।

बहुत याद करते हैं........


लाचारों को मान दिलाया,

इंसानों को इंसान बनाया।

शीश झुकाएँगे,

सदा तुमको हम।

बहुत याद करते हैं........


रचनाकार

सपना,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय उजीतीपुर,
विकास खण्ड-भाग्यनगर,
जनपद-औरैया।



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