श्रीनिवास रामानुजन
है आज पुण्यतिथि उनकी,
जो थे गणित के जादूगर।
प्योर मैथमेटिक्स था जिनके,
अनुसंधान का स्तर।।
बच्चों श्रीनिवास रामानुजन थे,
एक महान भारतीय गणितज्ञ।
खोज और अनुसंधान का इनकी,
गणित क्षेत्र है बहुत कृतज्ञ।।
विलक्षण प्रतिभावान विचारक,
किया 3884 प्रमेयों का संकलन।
स्वप्रयास से गणित थी सीखी,
नहीं मिला विशेष प्रशिक्षण।।
22 दिसंबर 1887 को इस,
अद्वितीय प्रतिभा ने जन्म लिया।।
12 वर्ष की उम्र में ही जिसने,
त्रिकोणमिति में महारत हासिल किया।।
प्रोफेसर हार्डी के अनुत्तरित,
प्रश्न का उत्तर खोजा।।
हार्डी थे सख्त स्वभाव पर,
उनको अनुशासन प्रिय था।।
हुए प्रभावित जीवन दर्शन से,
आरंभ हुआ पत्र व्यवहार।।
रामानुजन के जीवन में,
हुआ नए युग का सूत्रपात।।
हार्डी के प्रयासों से निवास,
लंदन तक थे पहुँच गए।
मिलकर हार्डी के साथ आपने,
उच्च कोटि के शोध किए।।
लंदन की रॉयल सोसाइटी में,
रामानुजन चयनित हुए।।
ट्रिनिटी कॉलेज के फेलो में,
चुने गए पहले भारतीय थे।।
पाई की अनंत श्रेणी व,
संख्या सिद्धांत पर काम किया।
1729 का विस्तार कर,
रामानुजन संख्या नाम दिया।।
माक थीटा फंक्शन का सूत्र,
रामानुजन ने ऐसा दिया।
जो भविष्य में ब्लैक होल के,
अध्ययन में प्रयोग किया गया।।
प्रतिवर्ष 22 दिसंबर को समयमान में,
राष्ट्रीय गणित दिवस मनाया जाता है।
जो रामानुजन सी प्रतिभाओं को,
पल्लवित होने का अवसर देता है।।
रचयिता
ज्योति विश्वकर्मा,
सहायक अध्यापिका,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय जारी भाग 1,
विकास क्षेत्र-बड़ोखर खुर्द,
जनपद-बाँदा।
Comments
Post a Comment