विश्व पुस्तक दिवस

पुस्तकें होतीं बड़ी अनमोल

इनका जीवन में बड़ा ही मोल

जो भी पढ़ता अनमोल पुस्तकें

मीठे होते उसके बोल।।


पुस्तकें सबके मन को हर्षातीं

जीवन पथ पर चलना सिखलातीं

कभी अंधेरा छा जाता जो मन में

पुस्तकें ही अज्ञानता को मिटातीं।।


पुस्तकें ही हमारे मन को

भले बुरे का ज्ञान करातीं

पुस्तकें होतीं सच्चे मित्र

हर पल वो साथ निभातीं।।


पुस्तकें ही हमारे जीवन में

दिव्य ज्ञान का प्रकाश लातीं

पुस्तकें ही हर मानव को

मानवता का पाठ पढ़ातीं।।


रचनाकार

मृदुला वर्मा,

सहायक अध्यापक,

प्राथमिक विद्यालय अमरौधा प्रथम,

विकास खण्ड-अमरौधा,

जनपद-कानपुर देहात।

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