विश्व स्टेशनरी दिवस
मनुष्य हजारों-हजार वर्षों से,
अपने विचार लिख रहा है।
कभी भाव तो, कभी राजनीति को,
कभी अर्थव्यवस्था को लिख रहा है।।
स्वयं लेखन, ऐतिहासिक घटनाओं को,
ताम्रपत्रों, पांडुलिपियों में लिख रहा है।
लेखन कला विकसित होकर आज
पुस्तक, पत्रिकाओं, स्टेशनरी में लिख रहा है
कागज से जुड़े एहसास, लेखन कलाओं को,
संरक्षित और उत्साहित किया जाता है।
प्रतिवर्ष अप्रैल के अंतिम बुधवार को,
विश्व स्टेशनरी दिवस मनाया जाता है।।
डिजिटल उपयोग के बजाय यह
स्टेशनरी का महत्व बताता है।
हस्तलेखन की आवश्यकता को,
समाज में जागरूकता लाता है।।
मैग्ना कार्टा के निर्माण की 800 वीं वर्षगाँठ पर,
वर्ष 2012 से, प्रतिवर्ष इसकी शुरुआत हुई।
मैग्नाकार्टा हस्तलिखित दस्तावेजों में है खास,
1215 से हस्तलेखन कौशल की शुरुआत हुई।।
रचयिता
वन्दना यादव "गज़ल"
अभिनव प्रा० वि० चन्दवक,
विकास खण्ड-डोभी,
जनपद-जौनपुर।
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