नव पथ के राही

ओ! नन्हें - मुन्हें राही,

हो उजियारे पथ के वाही।

लिखना है अक्षर-अक्षर,

नित पढ़ने आना चलकर।

खुशियों से खिल खिलकर,

दिखला देना कुछ बनकर।।

आशाओं के दिये जलाओ,

प्रतिभा प्रकाश फैलाओ।।


शिक्षा का अधिकार मिला है,

निर्भय आओ, नव राही।।


अधरों पर मुस्कान लिए,

अपनी ही पहचान लिए।

आते हो सब स्कूल हमारे,

तुम हो कल के नये सितारे।

आओ, आओ, है स्वागत,

हे! दिव्य नवल अभ्यागत।

यह स्कूल तुम्हारा अपना,

जो पूरा करेगा हर सपना।

तुम तकदीर बनाने आओ,

शिक्षा की ज्योत जलाओ।।


हम शिक्षक हैं हमराही,

 ओ! नन्हें मुन्हें राही।।


रचयिता
सतीश चन्द्र "सौमित्र"
प्रभारी अध्यापक,
उच्च प्राथमिक विद्यालय अकबापुर,
विकास क्षेत्र-पहला, 
जनपद -सीतापुर।

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