शिक्षक
संस्कारी, मर्यादा पूर्ण, मृदुभाषी अनुशासन प्रिय हूँ मैं।
हाँ शिक्षक हूँ मैं।।
बाल मनोविज्ञानी विषय विशेषज्ञ खेलों का ज्ञाता हूँ मैं,
हाँ शिक्षक हूँ मैं।।
ज्ञान की गंगा बहा,
मन मस्तिष्क में छवि बनाता,
दिन प्रतिदिन उन्नति के पथ पर,
अग्रसर करता हूँ मैं।
हाँ शिक्षक हूँ मैं।।
पग-पग पर मार्गदर्शन करता,
क्षण-क्षण विकास में सहयोग
करता जाता हूँ मैं।
हाँ शिक्षक हूँ मैं।।
ज्ञानवान कर्मशील निश्चल कर्मठी हूँ मैं।
हाँ शिक्षक हूँ मैं।।
रचयिता
बीना रानी,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय पुल नानू ऊ,
विकास खण्ड-अकराबाद,
जनपद-अलीगढ़।
Comments
Post a Comment