विश्व पुस्तक दिवस
ज्ञान, अनुभव श्रेष्ठतम जीवन का आधार,
पुस्तकें ही होती हैं साहित्य का भंडार।
सुख, समृद्धि एवं आनंद की प्राप्ति का,
पुस्तकें होती हैं सदैव सफलता का द्वार।।
आओ पुस्तकों को सच्चा साथी बनाएँ,
स्वयं भी पढ़ें और दूसरों को भी पढ़ाएँ।
पुस्तकों के अध्ययन का दृढ़ संकल्प लें,
ज्ञानार्जन की परम्परा को आगे बढ़ाएँ।।
मित्र, गुरु, ज्ञान, प्रेरणा और मार्गदर्शक बन,
एक बहुत खूबसूरत संसार से मिलाती हैं।
जीवन को उचित दिशा व दशा प्रदान कर,
हमारे अंतःकरण को उज्ज्वल बनाती हैं।।
बच्चों खूब पढ़ो और जीवन में आगे बढ़ो,
सफलताएँ तुम्हारा सदैव ही वरण करेंगी।
संस्कारित, ज्ञानवान व चरित्रवान बनाकर,
पुस्तकें उत्तम व्यक्तित्व का निर्माण करेंगी।।
रचयिता
पूनम नैन,
सहायक अध्यापिका,
उच्च प्राथमिक विद्यालय मुकंदपुर,
विकास खण्ड-छपरौली,
जनपद-बागपत।
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