कल क्या होगा

माँ जल न होगा तो
कल क्या होगा?

मछली तड़प-तड़प मर जाएगी
कमल कहाँ खिल पाएगा?
ठंडी हवा बहेगी कैसे?
बादल कैसे आयेगा?
माँ जल न होगा तो
कल क्या होगा?

पढ़ता हूँ नित अखबारों में
सूख रहे नल, नदी, तालाब
प्यास लगी तो
क्या पीकर जी पाऊँगा?
माँ जल न होगा तो
कल क्या होगा?

पानी बहता सड़कों पर
कटते हैं पेड़ पुराने
बिन ऑक्सीजन प्राणवायु
क्या ऐसी में साँसें ले पाऊँगा?
माँ जल न होगा तो
कल क्या होगा?

प्रकृति हो रही नाराज
बरस रही चारों ओर ही आग
क्या खाने की थाली में
रुपए-पैसे ही खाऊँगा?
माँ जल न होगा तो
कल क्या होगा?

माँ "जल ही जीवन है"
"पेड़ ही जीवनदाता"
हर व्यक्ति यही समझाता
क्यों फिर काटे पेड़ को
जल व्यर्थ बहाता?

माँ जल न होगा तो
कल क्या होगा?

रचयिता
श्रुति श्रीवास्तव,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय घोसियार,
जनपद-बलरामपुर।


Comments

  1. बहुत खूब मैम 👌👌हम अब भी ना जागे तो कल क्या होगा.... पैसा होगा l पर पानी न होगा...🙏

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