३४६~ सुभावती पाल प्रधान अध्यापिका प्रा०वि० सुरूवारपट्टी सिकरारा, जौनपुर

🏅अनमोल रत्न🏅

मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद- जौनपुर से अनमोल रत्न शिक्षिका बहन सुभावती पाल जी से करा रहे हैं। जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और समर्पित व्यवहार कुशलता से अपने विद्यालय को सामाजिक विश्वास का केन्द्र बना दिया है जो हम सभी के लिए प्रेरक और अनुकरणीय है।

आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये कुछ प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को:-
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माना कि अंधेरा बहुत घना है।
पर दिया जलाना भी कहाँ मना है।।

बहुत से विद्यालय में जाने के बाद मैं पदोन्नति द्वारा यहाँ पहुँची तब विद्यालय को देखकर मेरे मन में निराशा का भाव पैदा हुआ, परन्तु विद्यालय में प्रवेश तो करना ही था। मैंने सुभावती पाल प्रधान अध्यापक पद पर 20 मई - 2011 को प्राथमिक विद्यालय सुरुवारपट्टी में कार्यभार ग्रहण किया। जब मैंने विद्यालय में प्रवेश किया तो विद्यालय की दशा देखकर मेरा मन बहुत दुखी था। विद्यालय में कार्यालय की जगह स्टोर रूम था। विद्यालय परिसर व भवन शौचालय केंद्र बना हुआ था। वहाँ के ग्रामीण लोगों को एक महिला प्रधानाध्यापक का होना अच्छा नहीं लग रहा था। इसलिए वह सरकारी संपत्ति को क्षति पहुँचा दे रहते थे। परन्तु मैंने अपनी दृढ़ विश्वास से विद्यालय को एक सुंदर मंदिर बनाने का कार्य प्रारंभ किया। अब विद्यालय में चारदीवारी 4 कक्ष कार्यालय रसोई भवन व शौचालय मौजूद हैं वृक्षारोपण से विद्यालय परिसर को आकर्षक बनाने का कार्य किया। हमारे विद्यालय में ग्रीन बोर्ड उच्च गुणवत्ता वाले डेस्क बेच उपलब्ध हैं।

👉Morning assembly-
विद्यालय दिनचर्या को प्रारम्भ करने के लिए एक सकारात्मक ऊर्जा लाने के लिए मैंने प्रार्थना सभा में कई बदलाव किए। इसमें मुझे मेरे सहायक अध्यापकों का पूर्ण सहयोग मिला। विद्यालय में प्रतिदिन सरस्वती वंदना, प्रार्थना देशहित, राष्ट्रगीत, राष्ट्रगान, व्यायाम व सामान्य ज्ञान का ज्ञान कराया जाता है। नई तकनीकी का प्रयोग जैसे माइक मोबाइल का प्रयोग करके warm up सिखाया जाता है। जिसमें हम प्रतिदिन एक स्वच्छ व सुंदर बच्चे का चुनाव करते हैं और उसे "आज का फूल" चयनित करते हैं जिससे विद्यालय के हर बच्चे में स्वच्छता को लेकर जागरूकता उत्पन्न होती है। 

👉Growth in Enrollment:-
मेरे विद्यालय में आने के बाद 110 की छात्र संख्या से 155 छात्र संख्या तक का सफर मैंने प्राप्त किया है और नामांकन बढ़ाने के लिए मैंने बहुत ही अथक प्रयास किया। बच्चों को उनकी उपस्थिति के लिए प्रत्येक महीने में पुरस्कार वितरण किया। बच्चों के विद्यालय में ना आने पर, कारण जानने की कोशिश की और उनके घर जाकर उनके माता-पिता को समझाया कि प्रतिदिन विद्यालय आने से उनका तीव्र गति से विकास होगा। इस साल 200 के ऊपर छात्र संख्या ले जाने की कोशिश है।

👉Ict:-
आई सी टी बहुत बेहतर तकनीकी है ज्ञान को बढ़ाने के लिए मैंने प्रोजेक्टर लगाया जिसमें बच्चे बहुत ही रुचि पूर्ण अधिगम करते हैं।उन्हें तरह-तरह के जानवर कविता सामान्य ज्ञान आदि ज्ञानवर्धक चीजें देखने को मिलती है मैंने एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया है "सुरुवारपट्टी एक नई किरण" जिसमें बच्चों के अभिभावक जो उनकी गतिविधियों को देख कर बहुत ही प्रशंसा करते हैं।

📋TLM:-
टीएलएम द्वारा करके सीखने गतिविधि पर जोर दिया जाता है। हमारे विद्यालय स्टाफ द्वारा विभिन्न प्रकार के टीएलएम तैयार करवाकर बच्चों की ज्ञान वृद्धि की जाती है।

📋PTM:-
पीटीएम का आयोजन किया जाता है जिसमें बच्चों की उपस्थिति गुणवत्ता उनकी रुचि व उनके स्वास्थ्य के बारे में उनके अभिभावकों से चर्चा परिचर्चा करते हैं। उनकी उपस्थिति में ही अपने बच्चों को स्टार ऑफ द मंथ का पुरस्कार देते हैं जो बच्चे उपस्थिति में अव्वल होते हैं उन्हें स्टार ऑफ द मंथ घोषित किया जाता है।

👉PT/Yoga:-
हमने पीटी के लिए बच्चों के ड्रेस की अलग से व्यवस्था की है। जिससे कि बच्चों में एकरूपता देख सके क्योंकि हमने स्कूल के छात्रों में से योग मॉनिटर बनाते हैं इसका बदलाव समय-समय पर किया जाता है बच्चों के अंदर भी योग मॉनिटर बनने की प्रतिस्पर्धा साफ-साफ दिखती है और बच्चे योग व पीटी में रूचि भी लेने लगे हैं जिससे कि उनका स्वास्थ्य और मन दोनों ही प्रफुल्लित रहता है इसलिए हमने पीटी और योग को सांस्कृतिक कार्यक्रम में शामिल कर उन्हें अलग पहचान देने की कोशिश की है।

📋Achievement of students:-
खेल प्रतियोगिता के माध्यम से न्याय पंचायत स्तर से जिले स्तर पर मेरे विद्यालय के बच्चे पहुंचे। सामान्य ज्ञान व आलेख प्रतियोगिता में बच्चों ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है।

📋Cultural programme:-

  1. हमारे यहाँ विद्यालय में सभी राष्ट्रीय पर्वों जैसे 15 अगस्त, 26 जनवरी, 2 अक्टूबर और सभी त्योहार होली दीवाली अधिक अच्छे से मनाया जाता है ताकि बच्चों में सभी धर्मों के के प्रति समान भावना उत्पन्न हो सके। हमारे विद्यालय में क्रिसमस डे मनाया गया बच्चों ने उसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और सैंटा में ही बनी क्योंकि मुझे ऐसा लगता है कि Santa वह व्यक्ति होता है जो सब को गिफ्ट देता है। ऐसा करके बहुत ही खुशी का अनुभव हुआ और बच्चे भी काफी खुश और उत्साहित थे। 26 जनवरी के दिन खंड शिक्षा अधिकारी महोदय को आमंत्रित किया गया। उनके द्वारा बच्चों की टीएलएम क्लास का उद्घाटन किया गया और बच्चों को काफी शाबाशी दी गई। सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए, इससे बच्चों में और आगे इस से बेहतर करने की प्रेरणा जन्म लेती है।


👉Teacher achievement:-
मेरे जीवन का सफर बहुत ही संघर्षपूर्ण रहा है 2013-14 में इसी के साथ-साथ में एक आदर्श शिक्षिका के रूप में चयनित हुई। उसके बाद विद्यालय में निरंतर छात्र स्तर बढ़ता गया अथक प्रयास के बाद 2014-15 में अभिनव विद्यालय के रूप में चयनित हुआ 2016 में stir ट्रेनिंग के अंतर्गत प्रदर्शन हेतु हेतु प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। अभिनव विद्यालय को उन्नति पर पहुंचाने के लिए मुझे व मेरे सहायक अध्यापकों को बीएसए द्वारा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। 2019 में आईसीटी के तहत नवाचारी शिक्षा के लिए बेसिक शिक्षा अधिकारी महोदय द्वारा प्रशस्ति पत्र दिया गया।

देखते हैं अभी जिंदगी बहुत बाकी है और मेरी मंजिल है कहाँ तक पहुँचाती है लेकिन मेरे कुछ कर गुजरने का सफर यूं ही चलता रहेगा।

श्रीमती सुभावती पाल
प्रधान अध्यापिका
प्रा०वि० सुरूवारपट्टी
सिकरारा, जौनपुर

संकलन: शिवम सिंह
मिशन शिक्षण संवाद

नोट: मिशन शिक्षण संवाद परिवार में शामिल होने एवं अपना, अपने जनपद अथवा राज्य के आदर्श विद्यालयों का अनमोल रत्न में विवरण भेजने तथा मिशन शिक्षण संवाद से सम्बंधित शिकायत, सहयोग, सुझाव और विचार को मिशन शिक्षण संवाद के वाट्सअप नम्बर-9458278429 & 7017626809 और ई-मेल shikshansamvad@gmail.com पर भेज सकते हैं।

विमल कुमार
टीम मिशन शिक्षण संवाद
04-07-2019

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