३४८~ बिन्दु शर्मा (प्र०अ०) प्रा०वि० बालक पाठशाला संख्या 35, जयगंज अलीगढ़

🏅अनमोल रत्न🏅

मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद- अलीगढ़ से अनमोल रत्न शिक्षिका बहन बिन्दु शर्मा जी से करा रहे हैं। जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच, समर्पित व्यवहार एवं कुशल प्रबन्धन से न केवल अपने विद्यालय को सामाजिक विश्वास का केन्द्र बना दिया बल्कि एक अतिरिक्त प्रभार वाले विद्यालय को भी आकर्षक बनाकर विश्वास का केन्द्र बना दिया है जो हम सभी के लिए प्रेरक और अनुकरणीय है।

आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये कुछ प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को:-
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बिन्दु शर्मा (प्र०अ०) प्रा०वि० बालक पाठशाला संख्या 35, जयगंज अलीगढ़।
जब मैं इस विद्यालय में प्र०अ० के रूप में 04-01-2017 में पहुँची तो निम्न समस्याओं का सामना करना पड़ा।

📋मेरे सामने आयी समस्याएं:-
👉1-विद्यालय परिसर बहुत ही गन्दा था। जहाँ मोहल्ले के लोग अपने घर का कबाड डाल जाते थे।
👉2- विद्यालय के आगे के परिसर में कई दुकानें वर्षों से अवैध रूप से संचालित थीं।
👉3- कुछ अराजक तत्व विद्यालय बंद होने के बाद वहाँ जुआ खेला करते थे।
👉4- विद्यालय के पीछे के प्रांगण को पेशाबघर बना रखा था।
👉5- क्यारी फ़ुलवारी तो बहुत दूर की बात थी। विद्यालय के चारों ओर एक बड़ा गहरा नाला था। जिसमें विद्यालय के बच्चे गिर जाते थे। उनके चोट आती थी फिर मैं डाक्टर से टाँके पट्टी व दवा की व्यवस्था कराती थी।
👉6- विद्यालय का नामांकन कम था।
👉7- विद्यालय में विद्युत कनैक्शन का न होना।


📋मेरे द्वारा किए गये प्रयासः-
👉1-सर्वप्रथम विद्यालय के प्रांगण से अपने हाथों सारा कबाड़ हटाना।
👉2-विद्यालय के पीछे के प्रांगण को जो कि पेशाबघर में तब्दील था, उसको फर्श, श्यामपट्ट, क्यारियाँ व पौधे लगाकर प्रार्थना स्थल में तब्दील करना।
👉3-समुदाय से सम्पर्क कर बच्चों के शौचालय में टाइल्स, सबमरसिबल, टंकी, नल, बालक बालिका हेतु पृथक यूरीनल लगवाए।
👉4-नामांकन बढाने हेतु निरंतर प्रयास किए।
👉5- बालिकाओं के लिए निजी सिलाई मशीन दी।
👉6-विद्यालय में विद्युत कनैक्शन व विधायक जी के द्वारा सभी कमरों में पंखे आदि की व्यवस्था करायी।
👉7-बच्चों के पढ़ने के लिए बैंच की व्यवस्था की जिससे बच्चे चटाई पर बैठे व बैच पर किताबें रखकर पढें।
👉8- बाउन्ड्रीवाल के लिए निरन्तर प्रयास किए, प्रार्थना पत्र दिया, उसके उपरांत वर्ष जून 2019 में माननीय सदर विधायक जी की निधि से बाउंड्रीवाल, गेट व इन्टरलाॅकिग का निर्माण कराया गया।
👉9- लगातार वृक्षारोपण व क्यारियों के निर्माण द्वारा विद्यालय परिसर को ठीक किया।
👉10- एक कक्षा-कक्ष में कबाड़ रखा रहता था, उसे हटाकर शिक्षण हेतु तैयार किया।
👉11- अभिलेखों को व्यवस्थित किया।
👉12- उपस्थिति बढ़ाने हेतु प्रत्येक कक्षा के अच्छे बच्चों को कॉपी, पेन, टिफिन ज्यामिति बाक्स आदि, शिक्षण सामग्री देकर पुरस्कृत करना।
👉13- गतिविधि द्वारा बच्चों में रुचि बढ़ाना जिससे बच्चों का ठहराव बना रहे। समय-समय पर चित्रकला, निबन्ध प्रतियोगिता कराना।
👉14- अभिनव बालमन से विद्यालय को जोडना।
👉15. बच्चों के लिए आईकार्ड, टाई, बेल्ट आदि प्रदान करना।
👉16. बच्चों, महापुरुषों के जन्मदिन, राष्ट्रीय पर्वों व बेटी दिवस को उत्साह पूर्वक आयोजित करना।
👉17. नामांकन/प्रवेश रैली, मतदाता जागरूकता रैली, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, आदि प्रकार की रैली निकालकर समुदाय को जागृत करना। बच्चों द्वारा नाटक, एकांकी कार्यक्रम कराना, जिससे बच्चों की उपस्थिति में वृद्धि हो।
👉18. प्रत्येक वर्ष परीक्षाफल वितरण में अच्छे बच्चों को पुरस्कृत करना व विदाई समारोह आयोजित करना। प्रत्येक माह smc व दूसरे माह माता अभिभावक समूह की बैठक आयोजित करना।
👉19. शारीरिक क्षमता बच्चों की अच्छी रहे। इसके लिए प्रत्येक शनिवार को खेलकूद, योग, पीटी आदि कराना।
👉20- बच्चों को विभिन्न प्रतियोगिता में प्रतिभाग कराया।
👉21-परिणाम बच्चों का ठहराव व नामांकन में काफी वृद्धि। नामांकन 100 को पार।
👉22- भविष्य में बच्चों के लिए पूरा फर्नीचर जिससे बच्चे जमीन पर न बैठे की व्यवस्था की शुरुआत हो चुकी। बैंच बनवाने की व्यवस्था हो चुकी।
👉23- एक कक्ष को स्मार्ट क्लास में परिवर्तन कराना। जिसके लिए समुदाय के प्रतिष्ठित लोगों द्वारा आश्वासन प्राप्त हो चुका है।















इसके अतिरिक्त मेरे पास एक अन्य विद्यालय का भी प्रभार है। जिसके लिए मेरे प्रयास निम्नवत रहे।

बिन्दु शर्मा (प्र०अ०) प्रा०वि० बालक पाठशाला संख्या 35, जयगंज अलीगढ़।

मुझे एक अन्य विद्यालय *कन्या पा०सं०- 7, ब्हम्नपुरी जयगंज* का प्रभार प्राप्त हुआ । जब मैं इस विद्यालय में प्रभारी प्र०अ० के रूप 2018 में पहुंची तो निम्न समस्याओं का सामना करना पडा-
📋समस्याएं:-
👉1-विद्यालय लगभग चालीस वर्षों से स्त्री आर्यसमाज मन्दिर में संचालित है।
👉2-स्त्री आर्य समाज मन्दिर की तथाकथित अध्यक्षा ने विद्यालय को वहाँ से हटाने के पूरे प्रयास किए।
👉3- इन प्रयासों के चलते उसने विद्यालय की इतनी अनदेखी की वो अत्यंत जीर्ण शीर्ण अवस्था में आ गया व छात्रों के लिए खतरनाक हो गया।
👉4-विद्यालय/ आर्यसमाज मन्दिर का एकमात्र हैण्डपम्प खराब था।
👉5- छात्र छात्राओं के लिए शौचालय का न होना।

📋मेरे द्वारा किए गये प्रयासः-
👉1-सर्वप्रथम विद्यालय के अभिभावकों से सम्पर्क किया। साथ ही पार्षद जी व माननीय विधायक जी को भी अवगत कराया।
👉2- पार्षद जी ने सबसे पहले हैण्डपम्प सही कराया।
👉3- लगभग छः माह के प्रयासों के पश्चात विभाग व पुलिस की सहायता लेकर मैंने विद्यालय की मरम्मत करायी।
👉4-विद्यालय की दीवारें व फर्श बनवाए। साथ ही दो श्यामपट का निर्माण कराया।
👉5-विद्यालय में समुचित फर्नीचर, बच्चों के लिए बैंच आदि की व्यवस्था की।
👉6-विद्यालय की दीवारों पर पेन्ट, टी एल एम, समस्त विभाग की जानकारी पेन्ट करायी।
👉7- बच्चों के लिए एक पंखा व पीने के पानी के लिए बड़े मयूर जग का इन्तजाम किया।
👉8- बच्चों में अत्यंत उल्लास हुआ। विद्यालय का नामांकन व ठहराव भी आया।
👉9- विद्यालय के समस्त अभिलेख सही व पूर्ण किए।
इस तरह मैंने समुदाय की मदद से एक अन्य विद्यालय की स्थिति में सुधार किया।
👉10- विद्यालय के एक कक्ष की मरम्मत कराकर उसे आफिस/कक्षा में तब्दील किया।

📋भविष्य के प्रयासः-
विद्यालय के एक अन्य कक्ष व छतों की मरम्मत कराना जिससे विद्यालय पुर्ण रूप से सुरक्षित हो सके व बच्चों को एक अन्य कक्षा-कक्ष मिल सके।

सादर:- बिन्दु शर्मा (प्र०अ०) प्रा०वि० बालक पाठशाला संख्या 35, जयगंज अलीगढ़

संकलन: यतेन्द्र सिंघल
मिशन शिक्षण संवाद अलीगढ़

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विमल कुमार
टीम मिशन शिक्षण संवाद
11-07-2019

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