महिला सशक्तिकरण विशेषांक -137,मधुलिका अस्थाना

*👩‍👩‍👧‍👧महिला सशक्तीकरण विशेषांक-137*
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*मिशन शिक्षण संवाद परिवार की बहनों की संघर्ष और सफ़लता की कहानी*
(दिनाँक- 22जुलाई 2019)
नाम -मधुलिका अस्थाना
पद -सहायक अध्यापक
विद्यालय -अभिनव पूर्व माध्यमिक विद्यालय बक्शा ,बक्शा , जौनपुर

*सफलता एवं संघर्ष की कहानी :-*
👉प्रथम नियुक्ति  :04.01.06
वर्तमान विद्यालय में नियुक्ति : 20.06.16
" हाथ कंगन को आरसी क्या"
   इस पंक्ति को ध्यान में रखकर मैंने अपने किए गए कार्यों का उदाहरण प्रस्तुत किया ।
  
प्रारंभ में मुझे लगता था कि विद्यालय पर कुछ भी नवाचार करने के लिए प्रधानाध्यापक होने पर आसानी है परंतु सहायक होकर मुझे कठिनाइयां तो अवश्य हुई पर कोई भी कार्य हमारे लिए नामुमकिन नहीं रहा कार्य की गुणवत्ता देखकर मुझे विद्यालय समाज वह सहयोगी सभी जगहों से प्रोत्साहन मिला जिसके लिए हम सभी के आभारी हैं ।
     हमारे प्रयास ---
   " सरकारी अध्यापक रोज नहीं आते हैं व समय से नहींआते हैं। "वाले  नकारात्मक सोच को मैंने नियमित व समय से उपस्थित होकर उदाहरण प्रस्तुत किया ।
   प्रार्थना सभा को विस्तार दिया । प्रातः कालीन प्रार्थना सभा में व्यक्तिगत स्वच्छता संस्कार सामान्य ज्ञान आदि को बताना प्रारंभ किया ।
     सर्वधर्म समभाव की भावना को ध्यान में रखते हुए विभिन्न धर्मों की प्रार्थना का चार्ट बनाकर 6, 7 व 8 के बच्चों द्वारा दिवस के अनुसार प्रार्थना करना प्रारंभ किया ।
     प्रार्थना सभा विसर्जन के बाद बच्चे पंक्तिबद्ध होकर अध्यापकों का चरण वंदन कर कक्षा में जाना प्रारंभ किए ।
         मध्यान भोजन के समय भोजन मंत्र का वाचन करने के उपरांत भोजन प्रारंभ करने लगे व भोजन न फेंके इसको भी कई उदाहरण देकर समझाया गया ।
         सायं कालीन प्रार्थना सभा में "वंदे मातरम" कराना प्रारंभ किया ।
    कक्षा शिक्षण में अंग्रेजी व सामाजिक विषय की पाठों का सर्वप्रथम नाट्य मंचन करा कर पाठ समझाना प्रारंभ किया ।
जिससे विषय वस्तु ग्राहय, सरल होने के साथ-साथ रुचिकर बनाने का प्रयास किया ।
     महान व्यक्तित्व पर आधारित कार्यक्रम करा कर बच्चों को उनके कृतित्व से परिचय कराया ।
    समय-समय पर फील्ड प्रोग्राम में पपेट शो अर्थात कठपुतली के माध्यम से नवीन जानकारी देना शुरू किया ।
    मीना मंच सुगम कर्ता के रूप में बच्चों को विभिन्न विषयों पर शॉर्ट फिल्म दिखाकर बुराइयों से दूर रहना सिखाया ।
    प्रमुख पर्व पर यथा श्री कृष्ण  जन्माष्टमी, दीपावली ,रक्षाबंधन आदि पर हस्तनिर्मित दिया, राखी ,थाली सजाना आदि सिखाया ।
   गृह शिल्प में बच्चों को विभिन्न टांके, बटन टाकना सिलाई कार्य करना सिखाया ।
    ग्रामीण परिवेश के बच्चों के अभिभावकों  को विश्वास में लेकर बच्चों को शैक्षिक पर्यटन पर ले जाकर जौनपुर के प्रमुख पर्यटन स्थल को दिखाया ।
    जीवन नेतृत्व ,कौशल प्रशिक्षण , योगा प्रशिक्षण , अंग्रेजी भाषा प्रशिक्षण आदि । बीआरसी पर दिया ।
  सी‌.सी.आर.टी. दिल्ली में पुरातात्विक संवर्धन प्रशिक्षण में भाग लिया व जिले तथा प्रदेश का नाम हमारी टीम ने आगे बढ़ाया ।
विद्यालय को आई.सी.टी. विद्यालयों की क्रम में लाने का सफल प्रयास किया ।
  आज विद्यालय में प्रोजेक्टर के माध्यम से पढ़ाई शुरू हो गई ।

_✏संकलन_
*📝टीम मिशन शिक्षण संवाद।*

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