स्कूल चलो

जगा  दो अलख "स्कूल  चलो"   अभियान का इतना,
अशिक्षा धरा पर कही रह न  जाए|
शिक्षा की ज्योति  हर दिशा में जलाकर,
अशिक्षा का नाम धरा से मिटा  दो|

अशिक्षित कहीं हो अगर भू धरातल पर,
शिक्षित करने का वीणा उठा  लो|
मन मे उमंगें हो नये जोश इतने,
विचलित न मन हो, न कदम डगमगाये|

जगा दोअलख "स्कूल चलो "अभियान का इतना,
अशिक्षा धरा पर कहीं रह न जाए|

शिक्षा से जग की गरीबी मिटेगी,
गरीबी को जग से जड़ से मिटा दो,
गरीबी है जग की कुन्ठित बीमारी,
बीमारी को जग से जड़ से मिटा दो|
तभी छँट सकेगा धरा का अंधेरा,
आओ मिलकर हम दीप जला दें|

जगा दो अलख "स्कूल चलो "अभियान का इतना,
अशिक्षा धरा पर कही रह न जाए|

"स्कूल चलो" अभियान को सफल बनाकर,
 बेसिक शिक्षा में रंग भर दे|
घर-घर गलियों में फेरी लगाकर,
शिक्षा के प्रति भाव मन में भर दे|
बेसिक विभाग से मिलती  हैं प्रेरणा इतनी,
चाहे तो बेसिक की तस्वीर बदल दे|

जगा दो अलख  "स्कूल  चलो" अभियान का इतना,
अशिक्षा  धरा पर कही रह न जाए

सब मिलकर हम हाथ मिला लें,
देश के लिए एक कदम बढा दें|
प्रण ले लो कुछ नया कर दिखाने की,
गरीबो मिटेगी, बदनसीबी मिटेगी|

जगा दो अलख   "  स्कूल  चलो " अभियान का इतना,
अशिक्षा धरा पर कही रह न जाए|

कदम बढाये हैं बढता रहेगा
चलो मिलकर शिक्षण का ध्वज फहराएँ|
एकता का एक दीप  जलाकर,
सभी मिलकर "स्कूल चलो " अभियान का गीत गुनगुनाएँ|

जगा दो अलख "स्कूल चलो" अभियान का इतना,
अशिक्षा धरा पर कही रह  न जाए|

रचयिता
बिधु सिंह, 
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय गढी़ चौखण्ड़ी, 
विकास खण्ड-बिसरख,               
जनपद-गौतमबुद्धनगर।

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