मेरे शिक्षक बन्धुओं

तुम्हें इस वक्त, बच्चों की गलियों से गुजरना होगा,
नये ढंग से अभिभावकों के दिल में उतरना होगा।

नासमझ लोगों में, तुम्हारी कर्मठता की परीक्षा है,
पगों से टकरा, पथ के पत्थरों को बिखरना होगा।

नयी तकनीकी प्रयोग करना, प्रगति की सूचक है,
विद्यालय में, तुमको निरंतर नवाचार करना होगा।

योजनाबद्ध कार्य करिए, लक्ष्य को ध्यान में धरिए,
शैक्षिक क्रियाकलापों का, मूल्यांकन करना होगा।

शिक्षण हेतु नई विधाएँ, अब तुम्हें अपनानी होंगी,
सफल शिक्षक की, कसौटी पर खरा उतरना होगा।

दूसरों की कमियाँ गिनाने से, काम न चल पाएगा,
अपनी उपयोगिता को, हर वक्त सिद्ध करना होगा।

नवयुग का अभी प्रारंभ है, ख़ुद को तैयार कर लो,
वक्त के साथ न चले तो, परेशानी से गुजरना होगा।

रचयिता
प्रदीप कुमार,
सहायक अध्यापक,
जूनियर हाईस्कूल बलिया-बहापुर,
विकास खण्ड-ठाकुरद्वारा,
जनपद-मुरादाबाद।

विज्ञान सह-समन्वयक,
विकास खण्ड-ठाकुरद्वारा।

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