२५७~गीता यादव प्रधानाध्यापिका प्राथमिक विद्यालय मुरारपुर विकास खण्ड- देवमई जनपद फ़तेहपुर
💎🏅अनमोल रत्न🏅💎
💁♂ आइए आज हम आप लोगों को एक ऐसी शिक्षिका से परिचित करवाते हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत, लगन और कर्मठता के बलबूते पर आज अपने विद्यालय, विकास खण्ड व जनपद के नाम को रोशन किया है। आपने मिशन शिक्षण संवाद के उद्देश्य , शिक्षा का उत्थान व शिक्षक के सम्मान को प्राप्त करने में अपनी अहम भूमिका निभायी है।
👉 आइए जानते हैं जनपद फ़तेहपुर की शिक्षिका श्रीमती गीता यादव जी प्रधानाध्यापिका , प्राथमिक विद्यालय मुरारपुर के समर्पण की कहानी💐
बेसिक शिक्षा विभाग में मेरी प्रथम नियुक्ति वर्ष 2009 में एक सहायक अध्यापिका के रूप में हुई तथा वर्तमान विद्यालय प्रा0वि0 मुरारपुर में मैंने बतौर प्रधानाध्यपिका मार्च 2015 में कार्यभार सम्भाला।
जब मैंने वर्तमान विद्यालय में पदभार ग्रहण किया, उस समय विद्यालय पूर्णतयः अस्त-व्यस्त था। विद्यालय परिसर में सिवाय गाँजे के पेड़ों के अलावा कुछ न दिखाई देता था। विद्यालय के आसपास के घरों से निकला हुआ पानी भी विद्यालय प्रांगण में ही एकत्र होता था। चहारदीवारी न होने की वज़ह से विद्यालय प्रांगण लोगों के आने जाने का आम रास्ता हुआ करता था। विद्यालय में अभिलेख अव्यवस्थित थे और समस्त प्रकार की बैठकें एक ही रजिस्टर में कर ली जाती थीं। विद्यालय में बने हुए कमरों की फर्श टूटी फूटी थी।
शौचालय भी पूर्णतयः अक्रियाशील थे। इन सब के परिणाम स्वरूप विद्यालय में नामांकन भी न्यून था।
👉 शुरुआत में मुझे काफ़ी समस्याओं का सामना करना पड़ा। किन्तु मैंने मन में ठान लिया था कि मैं इस विद्यालय की कायाकल्प बदल दूँगी।
सर्वप्रथम मैंने विद्यालय के अभिलेखों को व्यवस्थित करने का काम किया। साथ ही ग्रामीणों से अपने घर के गन्दे पानी को विद्यालय में आने से रोकने का निवेदन किया और साथ ही उन्हें विद्यालय समय में प्रांगण में किसी भी तरह का व्यक्तिगत कार्य न करने को भी कहा।
👉 इसके बाद बच्चों को यूनिफ़ॉर्म के साथ टाई, बेल्ट और आईकार्ड उपलब्ध कराकर उन्हें स्मार्ट बनाने की पहल की। स्वयं ही विद्यालय व घर में मेहनत करके टीएलएम बना कर विद्यालय के सभी कक्षाकक्षों को सुन्दर रूप देने का प्रयास किया। विद्यालय भवन की अच्छी पुताई करवाकर नई मेज, कुर्सी व आलमारी आदि की व्यवस्था की। जर्जर फ़र्श के लिए कालीन खरीदी ताकि बच्चों को एक बेहतर माहौल मिल सके। इसके बाद बच्चों की पढ़ाई अर्थात उनके शिक्षण पर ध्यान दिया।
कुछ दिनों के उपरान्त न्याय पंचायत प्रभारी श्री ओम प्रकाश अवस्थी जी की प्रेरणा से मैंने विद्यालय प्रांगण में वृक्षारोपण किया। किन्तु गाँव के कुछ अराजक तत्वों ने इसे उखाड़ दिया। इससे मैं थोड़ा निराश हुई। परन्तु अवस्थी सर ने मुझे समझाया कि,
"तुम अपना कार्य करो, उन्हें अपना करने दो। एक न एक दिन विचारों में परिवर्तन अवश्य होगा। हिम्मत न हारो। उखाड़ने दो उन्हें, जितना उखाड़ना हो। एक न एक दिन अवश्य थक जाएँगे।"
उनकी बातों से प्रेरित होकर मैंने पुनः वृक्षारोपण किया और धीरे धीरे मेरी मेहनत रंग लायी। आज विद्यालय प्रांगण हरा-भरा है।
👉 तत्पश्चात ग्राम प्रधान श्रीमती शीला सिंह जी ने विद्यालय की चहारदीवारी, गेट, शौचालय आदि बनवाकर विद्यालय के कक्षाकक्षों में टाइल्स लगवाकर सोने पे सुहागे का काम किया। इन्होंने अपने इस कार्य से विद्यालय की सुंदरता में चार चाँद लगा दिया।
इतना ही नहीं ये आज भी मेरे कदम से कदम मिलाकर विद्यालय की बेहतरी के लिए हर सम्भव प्रयास के लिए तत्पर रहती हैं।
सभी के सहयोग से अब विद्यालय का माहौल शिक्षा के लिए अनुकूल हो गया है और ग्रामीण भी अपने बच्चों को विद्यालय में पढ़ाना पसन्द करने लगे हैं इससे विद्यालय का नामांकन भी बढ़ रहा है। विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति लगभग 96% के आसपास बनी रहती है।
👉 विद्यालय में मेरे अलावा एक समायोजित शिक्षिका श्रीमती शालिनी सिंह जी ही हैं। शालिनी जी पूरी तरह से सहयोग की भावना के साथ विद्यालय के प्रत्येक कार्य में मेरा हाथ बँटाती हैं। इसके अलावा अभी जुलाई 2018 में ही विद्यालय परिवार में एक नए सदस्य के रूप में श्रीमती आराधना जी ने बतौर सहायक अध्यापिका कार्यभार ग्रहण किया है।
👉 विद्यालय की कक्षा एक को आदर्श कक्षा बनाने का श्रेय हमारे सम्मानित खण्ड शिक्षा अधिकारी श्री कृपाशंकर यादव जी को जाता है। इनके सहयोग से कक्षा एक के बच्चों के लिए विद्यालय में फर्नीचर उपलब्ध हुए थे। आज भी इनका बराबर सहयोग रहता है।
👉 विद्यालय को एक अच्छे विद्यालय के रूप में परिवर्तित करने में विद्यालय कर बच्चों की भी महती भूमिका रही है। पढ़ाई से लेकर खेलकूद व सांस्कृतिक कार्यक्रमों आदि में बच्चों ने न्याय पंचायत व ब्लॉक स्तर पर विद्यालय का नाम रोशन किया। न्याय पंचायत स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता में मेरे स्कूल को बेस्ट स्कूल पुरस्कार मिला।
👉 विद्यालय के द्वारा बेहतर परिणाम देते रहने के कारण ब्लॉक प्रमुख श्री कुश वर्मा जी ने विद्यालय के कक्षा 4 व 5 को फर्नीचर उपलब्ध कराने को कहा है। मैंने अपनी सकारात्मक सोच व दृढ़ता के बलबूते विद्यालय को आज विकास खण्ड स्तर ही नही अपितु जनपद स्तर पर एक अच्छे विद्यालय के रूप में स्थापित किया है। मेरा प्रयास अभी जारी है।
👉 अन्य अध्यापकों के लिए मैं सिर्फ इतना ही कहँगी,
'कि कुछ भी असम्भव नही है। जरूरत है तो बस शुरुआत करने की।'
"कौन कहता है कि आसमां में सुराख हो नहीं सकता, ज़रा एक पत्थर तो तबियत से उछालों यारों।"
श्रीमती गीता यादव
प्रधानाध्यापिका
प्राथमिक विद्यालय मुरारपुर
विकास खण्ड- देवमई
जनपद फ़तेहपुर।
संकलन: बबलू सोनी
मिशन शिक्षण संवाद फतेहपुर
02-09-2018
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