सरदार वल्लभ भाई पटेल
1875 में जन्मे, पटेल जी गुजरात में।
झबेर भाई और लाड़बा देवी की चौथी संतान थे।
लन्दन में बैरिस्टर की पढाई
वकालत अहमदाबाद में।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी
बल्लभ भाई पटेल जी थे।
भारत के प्रथम गृहमंत्री
और उपप्रधानमंत्री भी थे।
सरदार की उपाधि मिली थी
बारदौली सत्याग्रह में।।
विस्मार्क और लौह पुरुष
कहलाये थे पटेल जी।
बिखरे भारत की भू-एकीकरण में।।
मेरा विकास कच्ची झोपडी में हुआ है
गरीब किसानों की खेती में।
अंग्रेजों को कर नहीं देंगे
कहते थे सरदार पटेल जी।।
562 रियासतों को विलय किया भारतीय संघ में।
एकीकरण का साहस किया था
वल्लभभाई पटेल ने।।
कौटिल्य के जैसे कूटनीतिज्ञ थे
शिवाजी जैसे दूरदर्शी।
भारतीयों के हृदय पर बसते थे सरदार जी।।
15 दिसंबर 1950 में,
विलीन हुए चिरनिद्रा में।
मरणोपरांत भारतरत्न विभूषित
हुए सन 1991 में।।
एकता की मूर्ति स्थित है,
नर्मदा नदी के बीच में।।
रचयिता
अनुरंजना सिंह,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय कोठिलिहाई,
जनपद-चित्रकूट।
झबेर भाई और लाड़बा देवी की चौथी संतान थे।
लन्दन में बैरिस्टर की पढाई
वकालत अहमदाबाद में।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी
बल्लभ भाई पटेल जी थे।
भारत के प्रथम गृहमंत्री
और उपप्रधानमंत्री भी थे।
सरदार की उपाधि मिली थी
बारदौली सत्याग्रह में।।
विस्मार्क और लौह पुरुष
कहलाये थे पटेल जी।
बिखरे भारत की भू-एकीकरण में।।
मेरा विकास कच्ची झोपडी में हुआ है
गरीब किसानों की खेती में।
अंग्रेजों को कर नहीं देंगे
कहते थे सरदार पटेल जी।।
562 रियासतों को विलय किया भारतीय संघ में।
एकीकरण का साहस किया था
वल्लभभाई पटेल ने।।
कौटिल्य के जैसे कूटनीतिज्ञ थे
शिवाजी जैसे दूरदर्शी।
भारतीयों के हृदय पर बसते थे सरदार जी।।
15 दिसंबर 1950 में,
विलीन हुए चिरनिद्रा में।
मरणोपरांत भारतरत्न विभूषित
हुए सन 1991 में।।
एकता की मूर्ति स्थित है,
नर्मदा नदी के बीच में।।
रचयिता
अनुरंजना सिंह,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय कोठिलिहाई,
जनपद-चित्रकूट।
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