२७०~ शकुन गुप्ता (प्र०अ०) मॉडल प्राइमरी स्कूल गंगावाला विकासखंड - स्वार, जनपद - रामपुर
🏅अनमोल रत्न🏅
मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से बेसिक शिक्षा के अनमोल रत्न शिक्षक साथी भाई शकुन गुप्ता जी से करा रहे हैं। जिनकी सकारात्मक सोच और शिक्षक के स्वाभिमान को ध्यान में रखते हुए विद्यालय और शिक्षा के उत्थान के लिए किए गये समर्पित और आकर्षक कार्यों को हम मिशन शिक्षण संवाद परिवार की ओर से नमन करते हैं। क्योंकि अनेकों समस्याएं और परेशानियाँ लगभग सभी विद्यालयों में एक जैसी ही हैं। जिन्हें कुछ शिक्षक चुनौतियों के रूप में स्वीकार कर सभी समस्याओं का स्वयं समाधान बन कर शिक्षक समाज के लिए गर्व और गौरव का अवसर प्रदान करते हैं। वहीं कुछ साथी जब तक अपनी समस्याओं और कमजोरियों के संग्रह को समाज और सार्वजनिक स्थानों पर प्रमाणित रूप से बखान नहीं कर लेते हैं तब तक शाम का भोजन नहीं कर सकते हैं। फिर बदले में मिलता है समाज से असम्मान और अविश्वास के साथ नकारात्मकता नाम का कलंकित करने वाला सम्मान। जो भविष्य में एक धारणा बन जाती है। कि सरकारी शिक्षा का मतलब??? इस प्रश्न चिह्न को खत्म करने के लिए ही हजारों शिक्षकों को वर्षों तक तन, मन, धन से समर्पित होकर काम करते रहना पड़ता है तब कही जाकर समाज में बने प्रश्न चिह्न को खत्म कर पाते हैं।
आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये कुछ प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को:-
https://facebook.com/story.php?story_fbid=2200812173529701&id=1598220847122173
शकुन गुप्ता (प्र०अ ० )
मॉडल प्राइमरी स्कूल गंगावाला विकासखंड - स्वार , जनपद - रामपुर
२ फरवरी २०१३ को सहायक अध्यापक पद पर पहली नियुक्ति प्राथमिक विद्यालय गंगावाला में पाने के बाद जब विद्यालय के भौतिक परिवेश को देखा तो एक दृढ़ संकल्प लिया की कुछ भी हो इस विद्यालय के भौतिक परिवेश था अनुशासन को बदल के ही रहूँगा| शुरुआत में कुछ परेशानियाँ भी आई क्योंकि आज भी किसी अध्यापक का आंकलन सरकारी शिक्षा की नकारात्मकता से ही किया जाता है और समाज में भी अध्यापकों को इसी द्रष्टि से देखा जाता है| गाँव के लोगों से, विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्यों से तथा ग्राम प्रधान से विद्यालय के लिए कुछ करने को कहा परन्तु सब ने आश्वत किया लेकिन कोई कार्य किसी के द्वारा नहीं कराया गया|
फिर सोचा शुरुआत करते है ये सब लोग खुद ही बाद में जुड़ जायेंगे| धीरे –धीरे विद्यालय के बच्चों के सर्वागीण विकास तथा विद्यालय के भौतिक परिवेश पर ध्यान केन्द्रित किया और इस दिशा में अपने क़दमों को बढ़ाया| विद्यालय के जर्जर भवन का एक कक्ष जो काफी ख़राब हालत में था सबसे पहले उसे ही ठीक कराया गया| दूसरी तरफ बच्चों के अनुशासन पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया गया| धीरे-धीरे तीन वर्ष बीत गये और मेरा प्रमोशन प्रधान अध्यापक के पद पर हो गया| भाग्य का खेल देखिये १२ सितम्बर २०१६ को संशोधन के अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय गंगावाला में मैं प्रधान अध्यापक के पद पर नियुक्त कर दिया गया|
प्रधान अध्यापक पद पर बैठते ही मैंने अपने विकास कार्यों की गति को ४ गुना बढ़ा दिया तथा विभिन्न प्रयासों के माध्यम से पुरे विद्यालय की कायाकल्प कर दी| बच्चों के लिए एक ऐसे कक्ष का निर्माण कराया गया जिसमें उन्हें खेल-कूद, मनोरंजन आदि सुविधा मिल सके| विद्यालय के दो कक्षों में बच्चों के बैठने के लिए बेंच और डेस्क की व्यवस्था करायी गयी| विद्यालय में आदर्श ऑफिस का भी निर्माण कराया गया| विद्यालय का प्रांगण जो बरसात में खड़े होने लायक भी नहीं होता था उस पर पत्थर की टाइल्स लगवाई गयी| विद्यालय में फुलवारी का निर्माण भी कराया गया| विद्यालय की बाउंड्री की चारों तरफ से मरम्मत करायी गयी| पुरे विद्यालय में प्लास्टिक पेंट कराया गया|विद्यालय की बाउंड्री पर शिक्षा सम्बन्धी संदेशों को लिखवाया गया जिससे समुदाय के लोगों में शिक्षित करने सा सन्देश पहुँच सके| आज ५ साल बाद मेरे विद्यालय का समस्त स्टाफ, ग्राम प्रधान, विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्य तथा समस्त ग्रामवासी विद्यालय के किसी भी काम के लिए मुझे पूरा सहयोग करते करते हैं| अब स्तिथि यह है की प्राइवेट विद्यालय के बच्चे भी हमारे विद्यालय में अपना नाम लिखवा रहे हैं|
👉विद्यालय द्वारा अर्जित उपलब्धियाँ:
(1.) सत्र 2018-19 में मेरा विद्यालय स्वार ब्लॉक से बेसिक शिक्षा विभाग, रामपुर द्वारा अंग्रेजी माध्यम का विद्यालय बनाया गया| जिसमें मैं प्रधानाध्यापक के रूप में कार्य कर रहा हूँ |
(2.) जिला रामपुर से प्रकाशित होने वाली पत्रिका “कोशिश बदलाव की" के दूसरे अंक (वर्ष 2018 ) में मेरे विद्यालय को प्रकाशित किया गया| 16 मई 2018 को पत्रिका के विमोचन कार्यक्रम में जिलाधिकारी श्री महेंद्र बहादुर सिंह जी और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी श्री सर्वदानन्द जी द्वारा मुझे सम्मानित किया गया|
(3.) शिक्षक दिवस 2018 के अवसर पर एक शाम शिक्षा और स्वच्छता के नाम कार्यक्रम में जिलाधिकारी श्री महेंद्र बहादुर सिंह जी और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ऐश्वर्या लक्ष्मी द्वारा आदर्श शिक्षा के पुरस्कार से मुझे सम्मानित किया|
(4.) स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) द्वारा आयोजित स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रममें खंड शिक्षा अधिकारी श्री त्रिलोकी नाथ जी द्वारा मुझे सम्मानित किया गया|
(5.) 15 अक्टूबर 2018 को शैक्षिक उन्न्मुखी संगोष्ठी कार्यक्रम में जिलाधिकारी जिलाधिकारी श्री महेंद्र बहादुर सिंह जी और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ऐश्वर्या लक्ष्मी द्वारा मेरे विद्यालय को श्रेष्ठ विद्यालय और मुझे श्रेष्ठ शिक्षक के लिए सम्मानित किया गया|
(6.) दैनिक जागरण राष्ट्रीय समाचार पत्र में रामपुर के संस्करण में मेरे और विद्यालय के कार्यों को प्रकाशित किया गया|
मैंने हमेशा चुनौतियों को अपने जीवन में समस्या न मानकर उसके समाधान के बारे में प्रयास किया जिसका परिणाम आज मेरा विद्यालय की केवल ब्लॉक स्वर में ही नहीं बल्कि जनपद रामपुर में भी एक पहचान है| बस आप सब से यही कहूँगा :
“उन्हीं के क़दमों में ये सारा जहाँ होता है
जिनका आशियाना बीच आसमान होता है,
फिर तो फितरत सी बन जाती है मुश्किलों से लड़ने की
और हर मुकाम पर पहुंचना आसन होता है |”
साभार : दीपक पुंडीर
मिशन शिक्षण संवाद रामपुर
नोट: आप अपने मिशन परिवार में शामिल होने, आदर्श विद्यालय का विवरण भेजने तथा सहयोग व सुझाव को अपने जनपद सहयोगियों को अथवा मिशन शिक्षण संवाद के वाट्सअप नम्बर-9458278429 और ई-मेल shikshansamvad@gmail.com पर भेज सकते हैं।
निवेदक: विमल कुमार
मिशन शिक्षण संवाद
29-10-2018
मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से बेसिक शिक्षा के अनमोल रत्न शिक्षक साथी भाई शकुन गुप्ता जी से करा रहे हैं। जिनकी सकारात्मक सोच और शिक्षक के स्वाभिमान को ध्यान में रखते हुए विद्यालय और शिक्षा के उत्थान के लिए किए गये समर्पित और आकर्षक कार्यों को हम मिशन शिक्षण संवाद परिवार की ओर से नमन करते हैं। क्योंकि अनेकों समस्याएं और परेशानियाँ लगभग सभी विद्यालयों में एक जैसी ही हैं। जिन्हें कुछ शिक्षक चुनौतियों के रूप में स्वीकार कर सभी समस्याओं का स्वयं समाधान बन कर शिक्षक समाज के लिए गर्व और गौरव का अवसर प्रदान करते हैं। वहीं कुछ साथी जब तक अपनी समस्याओं और कमजोरियों के संग्रह को समाज और सार्वजनिक स्थानों पर प्रमाणित रूप से बखान नहीं कर लेते हैं तब तक शाम का भोजन नहीं कर सकते हैं। फिर बदले में मिलता है समाज से असम्मान और अविश्वास के साथ नकारात्मकता नाम का कलंकित करने वाला सम्मान। जो भविष्य में एक धारणा बन जाती है। कि सरकारी शिक्षा का मतलब??? इस प्रश्न चिह्न को खत्म करने के लिए ही हजारों शिक्षकों को वर्षों तक तन, मन, धन से समर्पित होकर काम करते रहना पड़ता है तब कही जाकर समाज में बने प्रश्न चिह्न को खत्म कर पाते हैं।
आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये कुछ प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को:-
https://facebook.com/story.php?story_fbid=2200812173529701&id=1598220847122173
शकुन गुप्ता (प्र०अ ० )
मॉडल प्राइमरी स्कूल गंगावाला विकासखंड - स्वार , जनपद - रामपुर
२ फरवरी २०१३ को सहायक अध्यापक पद पर पहली नियुक्ति प्राथमिक विद्यालय गंगावाला में पाने के बाद जब विद्यालय के भौतिक परिवेश को देखा तो एक दृढ़ संकल्प लिया की कुछ भी हो इस विद्यालय के भौतिक परिवेश था अनुशासन को बदल के ही रहूँगा| शुरुआत में कुछ परेशानियाँ भी आई क्योंकि आज भी किसी अध्यापक का आंकलन सरकारी शिक्षा की नकारात्मकता से ही किया जाता है और समाज में भी अध्यापकों को इसी द्रष्टि से देखा जाता है| गाँव के लोगों से, विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्यों से तथा ग्राम प्रधान से विद्यालय के लिए कुछ करने को कहा परन्तु सब ने आश्वत किया लेकिन कोई कार्य किसी के द्वारा नहीं कराया गया|
फिर सोचा शुरुआत करते है ये सब लोग खुद ही बाद में जुड़ जायेंगे| धीरे –धीरे विद्यालय के बच्चों के सर्वागीण विकास तथा विद्यालय के भौतिक परिवेश पर ध्यान केन्द्रित किया और इस दिशा में अपने क़दमों को बढ़ाया| विद्यालय के जर्जर भवन का एक कक्ष जो काफी ख़राब हालत में था सबसे पहले उसे ही ठीक कराया गया| दूसरी तरफ बच्चों के अनुशासन पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया गया| धीरे-धीरे तीन वर्ष बीत गये और मेरा प्रमोशन प्रधान अध्यापक के पद पर हो गया| भाग्य का खेल देखिये १२ सितम्बर २०१६ को संशोधन के अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय गंगावाला में मैं प्रधान अध्यापक के पद पर नियुक्त कर दिया गया|
प्रधान अध्यापक पद पर बैठते ही मैंने अपने विकास कार्यों की गति को ४ गुना बढ़ा दिया तथा विभिन्न प्रयासों के माध्यम से पुरे विद्यालय की कायाकल्प कर दी| बच्चों के लिए एक ऐसे कक्ष का निर्माण कराया गया जिसमें उन्हें खेल-कूद, मनोरंजन आदि सुविधा मिल सके| विद्यालय के दो कक्षों में बच्चों के बैठने के लिए बेंच और डेस्क की व्यवस्था करायी गयी| विद्यालय में आदर्श ऑफिस का भी निर्माण कराया गया| विद्यालय का प्रांगण जो बरसात में खड़े होने लायक भी नहीं होता था उस पर पत्थर की टाइल्स लगवाई गयी| विद्यालय में फुलवारी का निर्माण भी कराया गया| विद्यालय की बाउंड्री की चारों तरफ से मरम्मत करायी गयी| पुरे विद्यालय में प्लास्टिक पेंट कराया गया|विद्यालय की बाउंड्री पर शिक्षा सम्बन्धी संदेशों को लिखवाया गया जिससे समुदाय के लोगों में शिक्षित करने सा सन्देश पहुँच सके| आज ५ साल बाद मेरे विद्यालय का समस्त स्टाफ, ग्राम प्रधान, विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्य तथा समस्त ग्रामवासी विद्यालय के किसी भी काम के लिए मुझे पूरा सहयोग करते करते हैं| अब स्तिथि यह है की प्राइवेट विद्यालय के बच्चे भी हमारे विद्यालय में अपना नाम लिखवा रहे हैं|
👉विद्यालय द्वारा अर्जित उपलब्धियाँ:
(1.) सत्र 2018-19 में मेरा विद्यालय स्वार ब्लॉक से बेसिक शिक्षा विभाग, रामपुर द्वारा अंग्रेजी माध्यम का विद्यालय बनाया गया| जिसमें मैं प्रधानाध्यापक के रूप में कार्य कर रहा हूँ |
(2.) जिला रामपुर से प्रकाशित होने वाली पत्रिका “कोशिश बदलाव की" के दूसरे अंक (वर्ष 2018 ) में मेरे विद्यालय को प्रकाशित किया गया| 16 मई 2018 को पत्रिका के विमोचन कार्यक्रम में जिलाधिकारी श्री महेंद्र बहादुर सिंह जी और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी श्री सर्वदानन्द जी द्वारा मुझे सम्मानित किया गया|
(3.) शिक्षक दिवस 2018 के अवसर पर एक शाम शिक्षा और स्वच्छता के नाम कार्यक्रम में जिलाधिकारी श्री महेंद्र बहादुर सिंह जी और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ऐश्वर्या लक्ष्मी द्वारा आदर्श शिक्षा के पुरस्कार से मुझे सम्मानित किया|
(4.) स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) द्वारा आयोजित स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रममें खंड शिक्षा अधिकारी श्री त्रिलोकी नाथ जी द्वारा मुझे सम्मानित किया गया|
(5.) 15 अक्टूबर 2018 को शैक्षिक उन्न्मुखी संगोष्ठी कार्यक्रम में जिलाधिकारी जिलाधिकारी श्री महेंद्र बहादुर सिंह जी और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ऐश्वर्या लक्ष्मी द्वारा मेरे विद्यालय को श्रेष्ठ विद्यालय और मुझे श्रेष्ठ शिक्षक के लिए सम्मानित किया गया|
(6.) दैनिक जागरण राष्ट्रीय समाचार पत्र में रामपुर के संस्करण में मेरे और विद्यालय के कार्यों को प्रकाशित किया गया|
मैंने हमेशा चुनौतियों को अपने जीवन में समस्या न मानकर उसके समाधान के बारे में प्रयास किया जिसका परिणाम आज मेरा विद्यालय की केवल ब्लॉक स्वर में ही नहीं बल्कि जनपद रामपुर में भी एक पहचान है| बस आप सब से यही कहूँगा :
“उन्हीं के क़दमों में ये सारा जहाँ होता है
जिनका आशियाना बीच आसमान होता है,
फिर तो फितरत सी बन जाती है मुश्किलों से लड़ने की
और हर मुकाम पर पहुंचना आसन होता है |”
साभार : दीपक पुंडीर
मिशन शिक्षण संवाद रामपुर
नोट: आप अपने मिशन परिवार में शामिल होने, आदर्श विद्यालय का विवरण भेजने तथा सहयोग व सुझाव को अपने जनपद सहयोगियों को अथवा मिशन शिक्षण संवाद के वाट्सअप नम्बर-9458278429 और ई-मेल shikshansamvad@gmail.com पर भेज सकते हैं।
निवेदक: विमल कुमार
मिशन शिक्षण संवाद
29-10-2018
आप जैसे शिक्षकों से ही बेसिक की पहचान बन रही है | बधाई आप को और आप के समस्त स्टाफ को|
ReplyDeleteThax deepak bhai
Deleteअनन्त शुभकामनायें
ReplyDeleteThax bhai
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