सरदार पटेल

आज की आंधी से बचा सके
        फिर से वो सरदार चाहिए
जो भारत को एकीकृत कर दे
         ऐसा हिम्मतदार चाहिए

विश्वपटल पर बदले सूरत
         ऐसा तीमारदार चाहिए
भारत का सेवक हो सच्चा
         इक ऐसा किरदार चाहिए

लिये हृदय विशाल देशहित
          सोचे ऐसा यार चाहिए
मिटा सके मज़हबी सियासत
           कोई तो ग़मख़्वार चाहिए

हृदय बसी हो कोमलता पर
          चक्षुओं में लाल धार चाहिए
विशाल कपाट हो सोच बड़ी
            देशभक्ति का बुखार चाहिए

नाडियाद के लौह पुरुष हे
             बारडोली के सत्याग्रही
कर्मवीर, निर्भीक हो तुम सा
             वो इंसा हर बार चाहिए

भारत का मानचित्र बदल दे
             ऐसा ही कलाकार चाहिए
भारत के हर वासी में तुम
             ही तुम बस बार-बार चाहिए

रचयिता
डा0 रश्मि दुबे,
प्राथमिक विद्यालय उस्मान गढ़ी,
जनपद-गाजियाबाद।

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