स्वच्छता अभियान

गांधी जी का था ये सपना।
स्वच्छ भारत हो ये अपना।।
चाहें गली हो चाहें मुहल्ला।
नहीं करें हम हल्ला गुल्ला।।
राप्ती यमुना या हो गंगा मैया।
स्वच्छ करें हम सब मिलकर भैया।।
गाँव तिराहा या हो स्कूल।
इसे गंदा करने की हम करें न भूल।।
जन-जन को समझाना है।
खुले मे शौच नहीं जाना है।।
मलेरिया पेचिश या हो बुखार।
गन्दगी से ही हों हम बीमार।।
मच्छर  मक्खी दूर भगायें।
मच्छरदानी जरूर लगायें।।
प्लास्टिक की थैली को दूर करो।
जूट के बैग का प्रयोग करो।।
सभी सफाई से पहले मन को भी हम साफ करें।
समाज मे फैली कुरीतियों को भी दूर करें।।
गांधी जी के इन सपनों को हम साकार बनायेंगे।
हम सब आपस में मिलकर भारत को स्वच्छ बनायेंगे।।

रचयिता
ब्रजेश कुमार द्विवेदी,
प्रधानध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय हृदयनगर,
जनपद-बलरामपुर।

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